मारुति की सीएनजी गाड़ियों की हो रही बम्पर चाँदी, 10 लाख से भी ज़्यादा हुई कारों की बिक्री

देश की सबसे बड़ी कार निर्माण करने वाली कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की सीएनजी रेंज में आने वाली 9 वाहनें भारतीय बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जहां वह सीएनजी गाड़ियों की बिक्री में शीर्ष स्थान पर हैं। कंपनी ने मंगलवार को कहा कि उनके वाहनों की सीएनजी रेंज ने 10 लाख यूनिट की कुल बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है। 

maruti suzuki s-cng

देश की सबसे बड़ी कार निर्माण करने वाली कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की सीएनजी रेंज में आने वाली 9 वाहनें भारतीय बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जहां वह सीएनजी गाड़ियों की बिक्री में शीर्ष स्थान पर हैं। कंपनी ने मंगलवार को कहा कि उनके वाहनों की सीएनजी रेंज ने 10 लाख यूनिट की कुल बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है। 

मारुति सुजुकी कारों की लिस्ट

भारत में इस समय मारुति की 9 गाड़ियां बिक्री के लिए उपलब्ध है, जिसमें कंपनी के पास निजी और कॉमर्सियल वाहनों की लिस्ट में ऑल्टो, एस-प्रेसो, वैगनआर, सेलेरियो, डिजायर, एर्टिगा, ईको, सुपर कैरी और टूर-एस कारें शामिल हैं।

कंपनी का बयान

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के प्रबंध निदेशक और सीईओ केनिची आयुकावा ने एक बयान में कहा कि हमारी एस-सीएनजी रेंज विशेष रूप से भारतीय ड्राइविंग परिस्थितियों के अनुरूप हमारी सुविधाओं में डिजाइन, विकसित और निर्मित की गई है और हमारा उद्देश्य अपने ग्राहकों को सुरक्षित, विश्वसनीय, स्वच्छ, तकनीकी रूप से उन्नत और पर्यावरण के अनुकूल वाहनों की पेशकश करना है। इस समय हमारे पास 3,700 से अधिक सीएनजी स्टेशन्स हैं, जिससे सीएनजी ग्राहकों को सीएनजी भरवाने में आसानी हो रही है।

कंपनी का कहना है कि सरकार के अगले कुछ वर्षों में देश भर में 10,000 सीएनजी स्टेशनों तक पहुंचने के लक्ष्य के साथ, कंपनी को उम्मीद है कि सीएनजी वाहनों की मांग मजबूत बनी रहेगी। एक टेक्नालॉजी के रूप में सीएनजी बड़ी मात्रा में यात्री वाहनों के कार्बन उत्सर्जन को कम करने में एक बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

S-CNG तकनीक एक ऑटो चेंज-ओवर ऑफर करती है, जो तुरंत CNG और पेट्रोल मोड के बीच स्विच करती है। कंपनी के फैक्ट्री-फिटेड सीएनजी वाहन एक विशेष नोजल के साथ आते हैं, जो एक सटीक ईंधन स्तर संकेतक के साथ तेज और सुरक्षित सीएनजी ईंधन भरने में सहायता करता है। इससे ग्राहकों को वाहन के ईंधन स्तर को ट्रैक करने में मदद मिलती है।