10 और 500 रुपये के नोट है लोगों की पहली पसंद, भारतीय करेंसी में एक साल में नोट छापने पर आता है अरबों का खर्च

dollar vs rupee
स्टोरी हाइलाइट्स
  • RBI ने नोट छापने पर कितना किया खर्च
भारत में करेंसी बैंकनोट्स की वैल्यू और वॉल्यूम में वित्त वर्ष 2022-23 में 7.8 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जो कि वित्त वर्ष 2021-22 में 9.9 प्रतिशत और 5 प्रतिशत था। मंगलवार को जारी हुई आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ।
बैंक नोट की वैल्यू के हिसाब से बात करें तो 31 मार्च, 2023 के अंत तक 500 रुपये और 2000 रुपये के नोट देश के कुल करेंसी सर्कुलेशन 87.9 प्रतिशत था, जो कि एक साल पहले 87.1 प्रतिशत था।

 500 और 10 रुपये के नोट सबसे ज्यादा चलन में
31 मार्च, 2023 तक वॉल्यूम के हिसाब से देश के कुल करेंसी सर्कुलेशन का 37.9 प्रतिशत 500 के नोट के रूप में है। इसके बाद 19.2 प्रतिशत के साथ 10 रुपये का नोट है।देश में 500 रुपये के 5,16,338 लाख नोट चलन में हैं, जिनकी वैल्यू 25,81,690 करोड़ है, जबकि एक साल पहले मार्च, 2022 में 4,55,468 लाख नोट चलन में थे। 2000 के नोट वैल्यू के हिसाब से 31 मार्च, 2023 तक देश में कुल करेंसी सर्कुलेशन का 10.8 प्रतिशत है, जो कि एक साल पहले 13.8 प्रतिशत था।
भारत में कौन-कौन से नोट चलन में हैं?
मौजूदा समय में 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये का नोट चलन में हैं। इसके साथ 50 पैसे, 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्के चल रहे हैं।
डिजिटल रुपये का सर्कुलेशन कितना है?
31 मार्च, 2023 तक देश में CBDC यानी ई-रुपया थोक और ई-रुपया खुदरा का सर्कुलेशन 10.69 करोड़ रुपये और 5.70 करोड़ रुपये सर्कुलेशन में हैं।
RBI ने नोट छापने पर कितना किया खर्च?
वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई की ओर से 4,682.80 करोड़ रुपये नोट छापने के लिए खर्च किए गए हैं, जो कि पिछले वित्त वर्ष 4,984.80 करोड़ रुपये था।
2022-23 में कितने नकली नोट पकड़े गए?
वित्त वर्ष 2022-23 में 20 रुपये और 500 रुपये के नकली नोट में 8.4 प्रतिशत और 14.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं, 10 रुपये, 100 रुपये और 2000 रुपये के नकली नोट में 11.6 प्रतिशत, 14.7 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत की गिरावट हुई है।

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