क्या आप भी लोन लेने का बना रहें हैं प्लान? इसके बारे में जान लें महत्वपूर्ण जानकारियाँ

लोन मतलब कर्ज, एक ऐसा शब्द है जिससे पहले के जमाने में लोग बचना चाहते थे। पुराने जमाने में लोग कर्ज लेने को अपने सम्मान के खिलाफ समझते थे। यहां तक कि समाज में उन लोगों की इज्जत भी कम होती थी, जो लोन लेकर काम करते थे। लेकिन आज का जमाना बिल्कुल 360 डिग्री बदल चुका है। एक पुरानी कहावत 'कर्ज लेकर घी पीना' आज के जमाने पर एकदम खरी उतरती है। दिखावे की दुनिया में आजकल लोग जरूरत के आधार पर चीजें कम और शो-ऑफ करने के ज्यादा खरीद रहे हैं। अब भले ही उनकी जेब इस बात के लिए राजी हो या नहीं।

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लोन मतलब कर्ज, एक ऐसा शब्द है जिससे पहले के जमाने में लोग बचना चाहते थे। पुराने जमाने में लोग कर्ज लेने को अपने सम्मान के खिलाफ समझते थे। यहां तक कि समाज में उन लोगों की इज्जत भी कम होती थी, जो लोन लेकर काम करते थे। लेकिन आज का जमाना बिल्कुल 360 डिग्री बदल चुका है। एक पुरानी कहावत 'कर्ज लेकर घी पीना' आज के जमाने पर एकदम खरी उतरती है। दिखावे की दुनिया में आजकल लोग जरूरत के आधार पर चीजें कम और शो-ऑफ करने के ज्यादा खरीद रहे हैं। अब भले ही उनकी जेब इस बात के लिए राजी हो या नहीं।

लोगों की यही मजबूरी या यूं कह लें कि कमजोरी बैंक वालों ने पकड़ी और ग्राहकों को काफी आसान और सस्ते किस्त पर लोन दिया। अब तो देश में तेजी से 'नो कॉस्ट ईएमआई' का भी चलन तेजी से बढ़ गया है। देश में लोगों को लोन पर चीजें लेने की आदत इस तरह हावी हो गई है कि अब बैंक आपको हर चीज के लिए लोन देने लगे हैं। इतने सारे लोन के बीच आप भी उलझन में होंगे कि आखिर देश में कितने प्रकार के लोन होते हैं। आज हम आपको इसी बात का जवाब देने जा रहे हैं।

होम लोन

हर व्यक्ति का सपना अपने घर का होता है। कुछ लोग इसे अपने दम पर पूरा कर लेते हैं और कुछ लोग बैंकों से लोन लेकर इसे पूरा करते हैं। इसका मतलब इसके नाम ही पता चलता है। होम लोन लेनदार द्वारा घर खरीदने या बनाने के लिए लिया जाता है।

होम लोन की ब्याज दरें 7 प्रतिशत प्रति वर्ष से 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष के बीच शुरू होती हैं। लोन को आप समान मासिक किस्त (ईएमआई) में चुका सकते हैं। ऋण-से-मूल्य (LTV) अनुपात आमतौर पर 80 प्रतिशत होता है। इसका मतलब है, उधारकर्ता संपत्ति के मूल्य का 80 प्रतिशत तक ही ऋण प्राप्त कर सकता है।

गोल्ड लोन

गोल्ड लोन लेनदारों के स्वामित्व वाले सोने के बदले लिया जाता है। यहां, सोना ऋणदाता के लिए एक सुरक्षा के रूप में कार्य करता है जिससे उधारकर्ता ऋणदाता के पास सोना गिरवी रख सकता है और उनसे धन प्राप्त कर सकता है। गोल्ड लोन की ब्याज दर 7.50 प्रतिशत प्रति वर्ष से शुरू होती है। गोल्ड लोन पर LTV 90 प्रतिशत तक जा सकता है।

वाहन लोन

ये वाहन की खरीद के लिए लिए गए लोन होते हैं। वाहनों में पैसेंजर और कमर्शियल वाहन दोनों के साथ-साथ दोपहिया, चार पहिया और भारी वाहन शामिल हो सकते हैं। वाहन लोन पर ब्याज दर 7 फीसदी प्रति वर्ष से 7.5 फीसदी प्रति वर्ष के बीच कहीं भी शुरू हो सकती है। LTV वाहन के प्रकार पर निर्भर करता है। कुछ वाहन ऋणों के लिए, बैंक वाहन के मूल्य के 100 फीसदी तक का ऋण भी दे सकता है।

संपत्ति पर लोन

यह एक प्रकार का मॉरट्रेज लोन है, जिसके द्वारा उधारकर्ता अपनी संपत्ति को ऋणदाता के पास गिरवी रखकर धन प्राप्त कर सकता है। संपत्ति के एवज में लोन आवासीय और व्यावसायिक दोनों तरह की संपत्ति पर लिया जा सकता है।

इस लोन में LTV 65 फीसदी से 70 फीसदी के बीच कहीं भी हो सकता है। यहां ब्याज दर 8 फीसदी प्रति वर्ष से शुरू होती है।

प्रतिभूतियों पर लोन

निवेशक अक्सर शेयरों और प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। इसमें शेयर, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड और डिबेंचर शामिल हो सकते हैं। निवेशक इन प्रतिभूतियों के विरुद्ध बैंकों और वित्तीय संस्थानों से धन उधार लेने के पात्र हैं। प्रतिभूतियों पर ऋण के लिए LTV सुरक्षा मूल्य का 50 फीसदी होता है। यह सालाना 7.50 फीसदी के बीच कहीं भी शुरू हो सकता है।

एफडी पर लोन

बैंक और वित्तीय संस्थान लेनदारों को एफडी के बदले ऋण प्रदान करते हैं। उधारकर्ता एफडी मूल्य के 60 फीसदी से 75 फीसदी तक की राशि के लिए एफडी पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। एफडी दर राशि और कार्यकाल के आधार पर 5 फीसदी से 7.5 फीसदी प्रति वर्ष के बीच है।

बीमा पर लोन

बीमा के बदले लोन भी भारत में लोकप्रिय सुरक्षित ऋणों में से एक है। बहुत से लोगों के पास जीवन बीमा पॉलिस होती हैं, लेकिन शायद ही उनको पता हो कि पॉलिसी सुरक्षा के रूप में कार्य कर सकती हैं, जिसके बदले पैसा उधार लिया जा सकता है।

बीमा पर ऋण के मामले में LTV 85 फीसदी से 90 फीसदी प्रति वर्ष के बीच कहीं भी हो सकता है। इस मामले में ब्याज दर 10 प्रतिशत प्रति वर्ष से 12 प्रतिशत प्रति वर्ष के बीच कहीं भी शुरू हो सकती है।

कार्यशील पूंजी लोन

कार्यशील पूंजी ऋण व्यवसायों को उनकी कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए जाते हैं।

यह लोन कैश क्रेडिट के रूप में भी जाना जाता है, यहां ऋण की राशि का लाभ उठाया जा सकता है जो लेनदारों, देनदारों और स्टॉक पर निर्भर करता है जो व्यवसाय के लिए कार्यशील पूंजी का गठन करता है। कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज दर 12 फीसदी प्रति वर्ष से शुरू हो सकती है।

पर्सनल लोन

ये भारत में सबसे अधिक मांग वाले बैंक लोन में से एक हैं। पर्सनल लोन बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा बिना किसी सिक्योरिटी के दिए गए लोन हैं। उधारकर्ता किसी भी उद्देश्य के लिए उधार ली गई राशि का उपयोग कर सकता है, चाहे वह चिकित्सा आपात स्थिति, विवाह, बच्चों की शिक्षा, कोई संपत्ति खरीदना या यात्रा करना हो। एक उधारकर्ता कितना पर्सनल लोन प्राप्त कर सकता है, यह लेनदार की आय और उसके CIBIL स्कोर पर निर्भर करता है। इसके अलावा, व्यक्तिगत ऋण पर ब्याज की दरें 8 फीसदी प्रति वर्ष से लेकर 10 फीसदी प्रति वर्ष तक हो सकता है।

लघु अवधि के व्यापार लोन

कारोबार में अनिश्चितता कभी भी आ सकती है। यदि किसी व्यवसाय को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, तो वह लघु अवधि के व्यवसाय ऋण के लिए जा सकता है। अल्पकालिक व्यापार ऋण के लिए ब्याज दरें 1 फीसदी और 1.5 फीसदी प्रति माह के बीच कहीं भी हो सकती हैं।

शिक्षा लोन

यदि कोई गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करना चाहता है, तो उसे लाखों रुपये खर्च करने होंगे। ऐसे मामलों में एजुकेशन लोन मौद्रिक सहायता प्रदान करता है।

शिक्षा ऋण पर ब्याज दर 8.85 प्रतिशत प्रति वर्ष से शुरू हो सकती है, शिक्षा ऋण की अदायगी आमतौर पर शिक्षा पूरी होने के 12 महीने बाद शुरू होती है।