डॉलर ने बनाया रूपये के ऊपर दबाव, अच्छी शुरुआत के बावजूद सेंसेक्स-निफ्टी के छुटे पसीने

घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को महीने के एक्सपायरी के दिन उतार-चढ़ाव देख रहे हैं. बीएसई पर मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति सुजुकी और आईसीआईसीआई बैंक शेयरों में तेजी के साथ बाजार ने ओपनिंग में लाभ में रहा, हालांकि, इसके बाद दोनों ही इंडेक्स में फ्लैट ट्रेडिंग करने लगे. सुबह 11.15 के आसपास बीएसई सेंसेक्स 10.48 अंकों या 0.020% की मामूली तेजी लेकर 53,037.45 अंकों के स्तर पर था. वहीं, निफ्टी 15.75 अंकों या 0.100% की गिरावट लेकर 15,783.35 के स्तर पर था.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को महीने के एक्सपायरी के दिन उतार-चढ़ाव देख रहे हैं.

घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को महीने के एक्सपायरी के दिन उतार-चढ़ाव देख रहे हैं. बीएसई पर मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति सुजुकी और आईसीआईसीआई बैंक शेयरों में तेजी के साथ बाजार ने ओपनिंग में लाभ में रहा, हालांकि, इसके बाद दोनों ही इंडेक्स में फ्लैट ट्रेडिंग करने लगे. सुबह 11.15 के आसपास बीएसई सेंसेक्स 10.48 अंकों या 0.020% की मामूली तेजी लेकर 53,037.45 अंकों के स्तर पर था. वहीं, निफ्टी 15.75 अंकों या 0.100% की गिरावट लेकर 15,783.35 के स्तर पर था.

अगर ओपनिंग की बात करें तो बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को शुरूआती कारोबार में 266 अंक की तेजी के साथ 53,293.56 अंक पर खुला था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 70.6 अंक की तेजी के साथ 15,869.70 अंक पर खुला.

सेंसेक्स शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा स्टील, रिलांयस इंडस्ट्रीज, मारुति सुजुकी इंडिया, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहे. दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा और आईटीसी शामिल हैं.

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुरूआती कारोबार में 13 पैसे मजबूत होकर 78.90 प्रति डॉलर पर खुला. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया ऊंचे में 78.90 और नीचे में 78.94 तक गया. पिछले सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड 79.03 के निचले स्तर पर बंद हुआ था

रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक श्रीराम अय्यर ने कहा कि रुपया आज 78.65 से 79.05 प्रति डॉलर के दायरे में रह सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘एशिया के अन्य देशों की मुद्राओं में मिला-जुला रुख रहा. हालांकि मुद्राओं पर दबाव बना रह सकता है. इसका कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व जेरोम पॉवेल का बयान है. उन्होंने कहा है कि अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने का जोखिम है, जिससे अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय नरमी आ सकती है.'