iPhone बनाने वाली कंपनी Foxconn ने नौकरी के लिए अपने नियमों में बदलाव किया है

अमेरिकी टेक कंपनी एपल के सप्लायर फॉक्सकॉन ने भारत में iPhone असेंबली के लिए कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करते हुए रिक्रूटर्स को नए निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि नौकरी के विज्ञापनों में अब उम्र, लिंग, वैवाहिक स्थिति और मैन्युफैक्चरर का नाम शामिल नहीं किया जाएगा। 

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अमेरिकी टेक कंपनी एपल के सप्लायर फॉक्सकॉन ने भारत में iPhone असेंबली के लिए कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करते हुए रिक्रूटर्स को नए निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि नौकरी के विज्ञापनों में अब उम्र, लिंग, वैवाहिक स्थिति और मैन्युफैक्चरर का नाम शामिल नहीं किया जाएगा। 

क्या है मामला?

चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर स्थित फॉक्सकॉन की iPhone फैक्ट्री में हजारों महिलाएं काम करती हैं। कंपनी ने कर्मचारियों की भर्ती के लिए थर्ड-पार्टी एजेंसियों को जिम्मेदारी दी है। ये एजेंसियां उम्मीदवारों की खोज और प्रारंभिक चयन करती हैं, जबकि फॉक्सकॉन फाइनल इंटरव्यू और नियुक्ति करती है। 

जून 2023 में रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जनवरी 2023 से मई 2024 के बीच फॉक्सकॉन की ओर से किए गए भर्ती विज्ञापनों में केवल अविवाहित महिलाओं को प्राथमिकता दी गई थी। यह कंपनी की भेदभाव-विरोधी नीतियों का उल्लंघन था। हालांकि, अधिक प्रोडक्शन के दौरान शादीशुदा महिलाओं को काम पर रखने की छूट दी गई थी। इस रिपोर्ट के बाद फॉक्सकॉन की आलोचना हुई, और उसने अपनी नीतियों में बदलाव किया। 

फॉक्सकॉन का जवाब  

रिपोर्ट के बाद फॉक्सकॉन ने अपने भारतीय भर्ती एजेंटों को विज्ञापन बदलने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कहा गया कि भविष्य में फॉक्सकॉन के नाम का इस्तेमाल विज्ञापनों में न किया जाए। एजेंटों को मीडिया से बात करने से भी मना किया गया। 

अब नए विज्ञापनों में उम्र, लिंग, और वैवाहिक स्थिति का कोई उल्लेख नहीं होता। इनमें केवल सुविधाओं का विवरण दिया गया है, जैसे एयर कंडीशन कार्यस्थल, मुफ्त परिवहन, कैंटीन, हॉस्टल सुविधा, और 14,974 रुपये मासिक वेतन। 

सरकार की जांच

रॉयटर्स की रिपोर्ट के बाद केंद्र और तमिलनाडु सरकार ने फॉक्सकॉन की हायरिंग प्रैक्टिस की जांच का आदेश दिया। जुलाई में श्रम अधिकारियों ने फैक्ट्री का दौरा किया और कंपनी के अधिकारियों से सवाल-जवाब किए। हालांकि, जांच के नतीजों को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। 

भारत में फॉक्सकॉन का विस्तार

अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव के चलते एपल भारत को चीन के विकल्प के रूप में देख रहा है। वहीं, भारत सरकार भी फॉक्सकॉन और एपल की सप्लाई चेन के जरिए देश की आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।