माधबी पुरी बुच पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं। SEBI के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने वर्क कल्चर को बिगाड़ दिया है

बाजार नियामक संस्था, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की प्रमुख माधबी पुरी बुच हाल ही में विवादों में घिरी हुई हैं। सबसे पहले, अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी, हिंडनबर्ग रिसर्च ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद अब SEBI के अधिकारियों ने भी उन पर खराब वर्क कल्चर का आरोप लगाया है।

madhvi puri

बाजार नियामक संस्था, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की प्रमुख माधबी पुरी बुच हाल ही में विवादों में घिरी हुई हैं। सबसे पहले, अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी, हिंडनबर्ग रिसर्च ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद अब SEBI के अधिकारियों ने भी उन पर खराब वर्क कल्चर का आरोप लगाया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, SEBI के अधिकारियों ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि SEBI के ऑफिस में अब मीटिंग्स के दौरान चिल्लाना, डांटना, और सार्वजनिक रूप से अपमान करना एक आम बात हो गई है। हालांकि, इस मामले पर SEBI ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अपने ऑफिस में अनुकूल कार्य संस्कृति बनाने की हरसंभव कोशिश करता है। SEBI ने यह भी कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

SEBI ने ऑफिस के वर्क कल्चर में सुधार के लिए रिव्यू मीटिंग्स के फॉर्मैट में बदलाव भी किए हैं, जिसकी जानकारी 3 सितंबर को एक ईमेल के जरिए दी गई है।

SEBI के अधिकारियों द्वारा भेजे गए पत्र, जिसका शीर्षक "ग्रीवांस ऑफ SEBI ऑफिसर्स- अ कॉल फॉर रेस्पेक्ट" है, में कहा गया है कि माधबी पुरी बुच की भाषा और व्यवहार कर्मचारियों के प्रति अनुचित है। उन पर यह भी आरोप लगाया गया है कि वह कर्मचारियों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखती हैं और ऐसे लक्ष्य निर्धारित करती हैं, जिन्हें पूरा करना बेहद कठिन है। साथ ही, ये लक्ष्य बार-बार बदलते रहते हैं, जिससे कर्मचारियों की मानसिक सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

वर्तमान में SEBI में लगभग 1,000 ग्रेड ए और असिस्टेंट मैनेजर सहित कई अधिकारी काम कर रहे हैं। इन अधिकारियों ने वित्त मंत्रालय को भेजे गए इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जब मैनेजमेंट ने उनकी बातों को नहीं सुना, तब उन्होंने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखने का फैसला किया।

माधबी पुरी बुच पर लगे इन आरोपों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। पहले ही हिंडनबर्ग रिसर्च और कांग्रेस ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे, और अब SEBI अधिकारियों द्वारा लगाए गए इन नए आरोपों से वे और अधिक विवादों में घिर गई हैं।