करोड़ों लोगों का पेट भर रहा भारत, कई देशों को रोटी खिला रहा भारत, पाबंदियों के बाद भी लाखों टन गेहूं निर्यात

रूस-यूक्रेन के बीच इस साल फरवरी से जारी जंग के बाद दुनियाभर में खाने-पीने की चीजों की कमी का संकट उत्पन्न हो गया है. इस बदले हालात में भारत कई देशों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है. कुछ खाद्य पदार्थों के निर्यात पर पाबंदियां लगाने के बाद भी भारत जरूरतमंद देशों को इनकी आपूर्ति कर रहा है. उदाहरण के लिए भारत ने घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने और खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. हालांकि इसके बाद भी भरत ने कई देशों को लाखों टन गेहूं का निर्यात किया है.

indian wheat export
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फूड सेक्रेटरी सुधांशू पांडेय ने बताया कि 13 मई को लगाई गई पाबंदी के बाद से अब तक भारत ने करीब एक दर्जन देशों को 18 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है.

रूस-यूक्रेन के बीच इस साल फरवरी से जारी जंग के बाद दुनियाभर में खाने-पीने की चीजों की कमी का संकट उत्पन्न हो गया है. इस बदले हालात में भारत कई देशों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है. कुछ खाद्य पदार्थों के निर्यात पर पाबंदियां लगाने के बाद भी भारत जरूरतमंद देशों को इनकी आपूर्ति कर रहा है. उदाहरण के लिए भारत ने घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने और खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. हालांकि इसके बाद भी भरत ने कई देशों को लाखों टन गेहूं का निर्यात किया है.

पड़ोसी देशों का निभाया साथ

फूड सेक्रेटरी सुधांशू पांडेय ने बताया कि 13 मई को लगाई गई पाबंदी के बाद से अब तक भारत ने करीब एक दर्जन देशों को 18 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. इनमें से बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देश सबसे बड़े लाभार्थी बनकर उभरे हैं. कहा गया है सबसे जादा और लगातार इन दोनों देशों को निर्यात जारी है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को मानवीय मदद के तौर पर 50 हजार टन गेहूं देने की प्रतिबद्धता जाहिर की गई थी. इसमें से करीब 33 हजार टन गेहूं अफगानिस्तान को निर्यात हो चुका है.

हमेशा साथ देने को तैयार है भारत

पांडेय बर्लिन में 'यूनाइटिंग फॉर ग्लोबल फूड सिक्योरिटी टॉपिक पर मिनिस्ट्रियल कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी 1.38 अरब लोगों की आबादी के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए हमेशा दुनिया की जरूरतों पर गौर किया है. उन्होंने कहा, 'यहां यह बता देना महत्वपूर्ण है कि भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला क्यों लिया. यह फैसला अपने देश की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही जरूरतमंद देशों की मदद करने के लिए लिया गया. भारत प्रतिबंध के बाद भी पड़ोसी देशों और जरूरतमंद देशों की मदद के लिए हमेशा खड़ा रहा है.'

इन देशों को भारत से मिला रिकॉर्ड गेहूं

फूड सेक्रेटरी सुधांशू पांडेय ने इससे पहले बताया था कि भारत ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर (FY23) में अब तक करीब 30 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. इसके अलावा भारत सरकार गेहूं को लेकर आए कुछ अन्य देशों के अनुरोध पर भी विचार कर रही है. पांडेय ने कहा कि प्रतिबंध के बाद इस साल 22 जून तक भारत ने 18 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, इजरायल, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, ओमान, फिलिपींस, कतर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, सूडान, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम और यमन  जैसे देशों को पिछले फाइनेंशियल ईयर (FY22) की तुलना में इस साल अब तक 04 गुना गेहूं का निर्यात किया गया है.

पिछले महीने लगा था निर्यात पर प्रतिबंध

आपको बता दें कि भारत सरकार ने इस साल 13 मई से गेहूं के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी है. सरकार ने घरेलूबाजार में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने और इसकी कीमतों पर लगाम लगाकर रखने के लिए यह कदम उठाया है. सरकार ने पाबंदियों का ऐलान करते हुए था कि इसके बाद भी पड़ोसी देशों समेत उन देशों को गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी, जिन्हें इसकी बेहद जरूरत है. चालू वित्त वर्ष में 14 जून तक भारत ने 29.70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. इस अवधि में 2.59 लाख टन गेहूं के आटे का भी निर्यात किया गया है. अकेले पड़ोसी देश बांग्लादेश को 1.5 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया है.