आज हो सकती है केंद्रीय कैबिनेट और सीसीईए की बैठक

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) और केंद्रीय कैबिनेट की बैठक आज शाम 6:30 बजे होने की संभावना है। बता दें कि इससे पहले बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक हुई थी। सीसीईए की बैठक में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 6,062.45 करोड़ रुपये या 80.8 करोड़ डॉलर के RAMP (Raising and Accelerating MSME Performance) को मंजूरी दी थी।

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) और केंद्रीय कैबिनेट की बैठक आज शाम 6:30 बजे होने की संभावना है

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) और केंद्रीय कैबिनेट की बैठक आज शाम 6:30 बजे होने की संभावना है। बता दें कि इससे पहले बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक हुई थी। सीसीईए की बैठक में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 6,062.45 करोड़ रुपये या 80.8 करोड़ डॉलर के RAMP (Raising and Accelerating MSME Performance) को मंजूरी दी थी।

आज की संभावित बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यूक्रेन की स्थिति और ऑपरेशन गंगा के माध्यम से भारतीय नागरिकों को निकालने पर लोकसभा में चर्चा की सराहना की। उन्होंने कहा कि चर्चा के उच्च स्तर से पता चलता है कि विदेश नीति के मामलों पर आम सहमति है जो विश्व मंच पर भारत के लिए अच्छी है।

चार केंद्रीय मंत्री- हरदीप सिंह पुरी, किरेन रिजिजू, ज्योतिरादित्य सिंधिया और जनरल वीके सिंह, जो निकासी के प्रयासों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में यूक्रेन के पड़ोसी देशों में गए थे, उन्होंने भी बहस में हिस्सा लिया। वहीं, कांग्रेस सदस्यों ने यूक्रेन-रूस संकट से उत्पन्न जटिल भू-राजनीतिक स्थिति में गुटनिरपेक्षता के सिद्धांतों की प्रासंगिकता की बात की।

बहस के दौरान अपने जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत संघर्ष के खिलाफ "सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण" है। उन्होंने कहा कि खून बहाकर और मासूमों की जान की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। इस दौर में बातचीत और कूटनीति किसी भी विवाद का सही जवाब है।

जयशंकर ने कहा, "अगर भारत को एक पक्ष चुना है, तो वह शांति का पक्ष है, और यह हिंसा के तुरंत अंत के लिए है। यह हमारा सैद्धांतिक रुख है, और इसने संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों और बहसों में लगातार हमारी स्थिति का मार्गदर्शन किया है।"