SpiceJet एयरलाइंस जल्द ही किराये में कर सकता है 15% तक बढ़ोतरी, जानते हैं इसके पीछे का मुख्य कारण
भारतीय एयरलाइन स्पाइसजेट ने किराया बढ़ाने की मांग की है। स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने गुरुवार को विमान किराये में करीब 15 फीसद बढ़ोतरी की मांग की है। उन्होंने कहा कि ATF (एविएशन टरबाइन फ्यूल {विमान में भरे जाना वाला ईंधन}) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके कारण विमान ऑपरेशन लागत बढ़ गई है। वहीं, डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है। ऐसे में हवाई यात्राओं का फेयर बढ़ाने की जरूरत है।
- भारतीय एयरलाइन स्पाइसजेट ने किराया बढ़ाने की मांग की है
- स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने गुरुवार को विमान किराये में करीब 15 फीसद बढ़ोतरी की मांग की है
भारतीय एयरलाइन स्पाइसजेट ने किराया बढ़ाने की मांग की है। स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने गुरुवार को विमान किराये में करीब 15 फीसद बढ़ोतरी की मांग की है। उन्होंने कहा कि ATF (एविएशन टरबाइन फ्यूल {विमान में भरे जाना वाला ईंधन}) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके कारण विमान ऑपरेशन लागत बढ़ गई है। वहीं, डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है। ऐसे में हवाई यात्राओं का फेयर बढ़ाने की जरूरत है।
आपको बता दें कि वैश्विक बाजार में ईंधन की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। क्रूड ऑयल हो या एटीएफ की कीमतें, इस साल सबमें रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गौरतलब है कि हवाई उड़ान भरने के लिए जेट्स में एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी कीमतों में भारी वृद्धि देखी गई है।
120 फीसद तक बढ़े जेट ईंधन के दाम
स्पाइसजेट के चेयरमैन ने एक बयान में कहा कि हवाई किराये में कम से कम 10 से 15 फीसद की वृद्धि करना आवश्यक है, क्योंकि एविएशन टरबाइन फ्यूल की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में एटीएफ की कीमतें ऑल टाइम हाई पर हैं। चेयरमैन ने बताया कि जून 2021 के बाद से जेट फ्यूल के दाम में 120 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
आयात पर निर्भर है भारत
जानकारों की माने तो जेट फ्यूल एक एयरलाइन के ऑपरेशन में आने वाली लागत का लगभग 40% होता है, जो इस साल काफी महंगा हो गया है। 2022 की शुरुआत के बाद कई बार एटीएफ की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, 3 जून को एटीएफ की कीमत में 1.3 प्रतिशत की कमी की गई थी। ऊर्जा की कीमतों में वैश्विक उछाल के अनुरूप जेट ईंधन की कीमतें रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं, जबकि भारत अपनी तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। इसलिए, जेट ईंधन की कीमतों में कटौती का एकमात्र तरीका टैक्स को कम करना ही हो सकता है। एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की कीमतें बढ़ने से आने वाले दिनों से हवाई यात्राएं 10-15 फीसद तक महंगी हो सकती हैं।त
Leave a Reply