
महंगाई के बेहतर आंकड़ों से रुपया को सहारा मिला, जिसके परिणामस्वरूप डॉलर के मुकाबले सपाट खुला
डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है। इसमें मैक्रोइकोनॉमिक डेटा का सकारात्मक होना एक महत्वपूर्ण कारक है, जिसने कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि और डॉलर के मजबूत होने का प्रभाव कम किया है।

डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है। इसमें मैक्रोइकोनॉमिक डेटा का सकारात्मक होना एक महत्वपूर्ण कारक है, जिसने कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि और डॉलर के मजबूत होने का प्रभाव कम किया है।
फॉरेक्स व्यापारी इसका कहते हैं कि घरेलू स्तर पर खुदरा महंगाई और उद्योगिक उत्पादन के आंकड़े बाजार की उम्मीद से बेहतर होने के कारण रुपये को सहारा मिल रहा है। वर्तमान में, निवेशक अमेरिका में महंगाई डेटा और यूएस फेड के महंगाई को कम करने के लिए अपनाए जा रहे उपायों के स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं।
डॉलर के साथ रुपये के मुकाबले विनिमय दर इंटरबैंक विनिमय के मुताबिक, रुपया एक सीमित दायरे में बांधा हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 82.92 पर खुला था और फिर शुरुआती कारोबार में 82.95 के स्तर पर पहुंच गया। मंगलवार के सत्र में, रुपया 82.95 पर बंद हुआ था। डॉलर इंडेक्स में हल्की गिरावट हुई है और यह 0.05 प्रतिशत कम कर 104.65 अंक पर है। कच्चे तेल का मानक ब्रेंट क्रूड 0.21 प्रतिशत बढ़कर 92.25 डॉलर प्रति बैरल पर है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत करते हुए, सीआर फॉरेक्स एडवाइजर के एमडी अमित पबारी ने कहा कि 82.80 के स्तर के पार जाने के बाद रुपया 82.50 के दिशा में जा सकता है। 83.25 एक मजबूत समरोध स्तर है।
भारतीय शेयर बाजार आज सुबह खुला है। सेंसेक्स 6.07 अंक की कमी के साथ 67,215.06 अंक पर है, और एनएसई निफ्टी 1.80 या 0.01 अंक की बढ़त के साथ 19,995 अंक पर है। देशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को बाजार में शुद्ध विक्रेता थे और उन्होंने 1,047.19 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए।
मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ने अच्छा प्रदर्शन किया है और पांच महीनों के उच्चतम स्तर पर 5.7 प्रतिशत का वृद्धि दर्ज किया है। साथ ही, महंगाई दरों में भी कमी आई है, जिसमें अगस्त में खुदरा महंगाई दर 6.83 प्रतिशत पर रही थी, जबकि जुलाई में यह 7.44 प्रतिशत थी।
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