परिजन की मृत्यु के बाद उनके आईडी प्रूफ का क्या करना चाहिए,उन्हें रद्द करना या संबंधित विभाग में जमा करना उचित रहेगा
परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होना भावनात्मक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। किसी प्रियजन के दूर जाने का ख्याल ही हमें परेशान कर देता है, और जब वास्तव में ऐसा होता है, तो हम स्तब्ध रह जाते हैं। इस कठिन समय में एक महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि उस व्यक्ति के आधिकारिक दस्तावेज, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि, का क्या किया जाए। इन्हें रखना चाहिए या सरेंडर करना चाहिए? आइए जानते हैं मृत्यु के बाद इन दस्तावेजों के प्रबंधन के सही तरीके।
परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होना भावनात्मक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। किसी प्रियजन के दूर जाने का ख्याल ही हमें परेशान कर देता है, और जब वास्तव में ऐसा होता है, तो हम स्तब्ध रह जाते हैं। इस कठिन समय में एक महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि उस व्यक्ति के आधिकारिक दस्तावेज, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि, का क्या किया जाए। इन्हें रखना चाहिए या सरेंडर करना चाहिए? आइए जानते हैं मृत्यु के बाद इन दस्तावेजों के प्रबंधन के सही तरीके।
आधार कार्ड का प्रबंधन
आधार कार्ड कई सरकारी और निजी कार्यों में इस्तेमाल होता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने फिलहाल आधार कार्ड डिएक्टिवेट करने का कोई नियम नहीं बनाया है। इसलिए इसे रद्द या अपडेट नहीं किया जा सकता। ऐसे में, आधार कार्ड को सुरक्षित रखना चाहिए ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके।
पैन कार्ड का प्रबंधन
पैन कार्ड आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है और वित्तीय लेन-देन में आवश्यक होता है। मृत्यु के बाद, पैन कार्ड को सरेंडर कर देना चाहिए। इसके लिए:
1. **आवेदन पत्र तैयार करें**: अपने स्थानीय आयकर अधिकारी को लिखित आवेदन दें, जिसमें मृत व्यक्ति का नाम और जन्मतिथि की जानकारी हो।
2. **डेथ सर्टिफिकेट जमा करें**: आवेदन के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र संलग्न करें।
3. **पैन कार्ड सरेंडर करें**: पैन कार्ड को वित्तीय मामलों के निपटारे के बाद सरेंडर करना बेहतर होता है।
वोटर आईडी का प्रबंधन
वोटर आईडी को रद्द करवाना जरूरी होता है। इसके लिए:
1. अपने स्थानीय निर्वाचन कार्यालय जाएं।
2. **फॉर्म-7 भरें**: इस फॉर्म के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र संलग्न करें।
3. **प्रक्रिया पूरी करें**: इसके बाद वोटर लिस्ट से मृत व्यक्ति का नाम हटा दिया जाएगा।
पासपोर्ट का प्रबंधन
मृत्यु के बाद पासपोर्ट को सरेंडर करने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि इसकी अवधि समाप्त होने पर यह अपने-आप अमान्य हो जाता है। हालांकि, इसे सुरक्षित रखना चाहिए ताकि इसका दुरुपयोग न हो।
ड्राइविंग लाइसेंस का प्रबंधन
ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित नियम हर राज्य में अलग-अलग होते हैं। इसके लिए अपने स्थानीय क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) से संपर्क करें। यदि सरेंडर करना आवश्यक न हो, तो इसे सुरक्षित रखें।
निष्कर्ष
जिन दस्तावेजों को रद्द या सरेंडर नहीं किया जा सकता, उन्हें सुरक्षित रखना चाहिए ताकि उनका गलत इस्तेमाल न हो। वहीं, जिन दस्तावेजों को सरेंडर किया गया हो, उन्हें भी संभालकर रखें ताकि भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके।
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