इस दिन मनाई जाएगी “हरियाली तीज”,महिलाओं के लिए ख़ास है ये दिन,जानिए शुभ समय और मुहूर्त

हरियाली तीज ऐसा त्योहार है जिसमें महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. यह त्योहार अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. इसमें महिलाएं अपने सुहाग की अच्छी सेहत और वैवाहिक जीवन में किसी तरह की बाधा न आए इसकी कामना करती हैं. इस व्रत में भगवान शिव और पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव का शक्ति से मिलन हुआ था और देवी पार्वती ने अपने आपको प्रकृति के रूप में रंग लिया था. इस व्रत के पीछे एक और धार्मिक मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने भोलेनाथ बाबा को कड़ी तपस्या के बाद पति के रूप में स्वीकार कर लिया था. तो चलिए जानते हैं महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखने वाला यह तीज व्रत इस बार कब मनाया जाएगा.हरियाली तीज व्रत शुभ मुहूर्त

haryali teej
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हरियाली तीज ऐसा त्योहार है जिसमें महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं.

हरियाली तीज ऐसा त्योहार है जिसमें महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. यह त्योहार अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. इसमें महिलाएं अपने सुहाग की अच्छी सेहत और वैवाहिक जीवन में किसी तरह की बाधा न आए इसकी कामना करती हैं. इस व्रत में भगवान शिव और पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव का शक्ति से मिलन हुआ था और देवी पार्वती ने अपने आपको प्रकृति के रूप में रंग लिया था. इस व्रत के पीछे एक और धार्मिक मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने भोलेनाथ बाबा को कड़ी तपस्या के बाद पति के रूप में स्वीकार कर लिया था. तो चलिए जानते हैं महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखने वाला यह तीज व्रत इस बार कब मनाया जाएगा.हरियाली तीज व्रत शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 31 जुलाई 2022 दिन रविवार को सुबह 3 बजे से शुरू होकर अगले दिन 1 अगस्त दिन सोमवार को सुबह 04 : 20 मिनट पर होगा.

हरियाली तीज का महत्व

विवाहित महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य और सुहाग के लिए व्रत रखती हैं जबकि कन्याएं अच्छे पति की प्राप्ति के लिए. इसके अलावा यह व्रत परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहे उसके लिए भी रखा जाता है.

पूजा विधि

इस व्रत में महिलाएं सोलह सिंगार करती हैं जो उनके मायके से ससुराल भेजा जाता है. इसमें स्त्रियां निर्जला व्रत रखकर शिव और पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं. इस दौरान महिलाएं भजन व लोक नृत्य भी करती हैं. इस व्रत में मेहंदी, झूला झूलने का भी रिवाज है.