
गणपति बप्पा के भोग में शामिल करें ये चीजें, पूरी होंगी आपकी मनचाही मुरादें
चतुर्थी तिथि भगवान शिव के पुत्र गणेश जी को समर्पित है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है और विशेष कार्यों में सफलता पाने के लिए व्रत रखा जाता है। यह माना जाता है कि भगवान गणेश को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाने से शुभ फल मिलता है। आइए जानते हैं गजानन संकष्टी चतुर्थी पर गणपति बप्पा को किन चीजों का भोग लगाना लाभकारी होता है।

चतुर्थी तिथि भगवान शिव के पुत्र गणेश जी को समर्पित है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है और विशेष कार्यों में सफलता पाने के लिए व्रत रखा जाता है। यह माना जाता है कि भगवान गणेश को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाने से शुभ फल मिलता है। आइए जानते हैं गजानन संकष्टी चतुर्थी पर गणपति बप्पा को किन चीजों का भोग लगाना लाभकारी होता है।
भगवान गणेश को लगाएं ये भोग
1. विवाह में बाधा के लिए: अगर आपके विवाह में किसी तरह की बाधा आ रही है, तो गजानन संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी को मालपुआ का भोग लगाएं। इससे विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होंगी और शीघ्र विवाह के योग बनेंगे।
2. वैवाहिक जीवन में खुशियों के लिए: गजानन संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करने के बाद गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा कर मोदक और मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। इस दौरान भोग मंत्र का उच्चारण करें। गणेश जी लड्डू प्रिय हैं और इससे वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
3.मुरादें पूरी करने के लिए: अपनी मुरादें पूरी करने के लिए गजानन संकष्टी चतुर्थी का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस खास अवसर पर पूजा के दौरान गणेश जी को खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। इन चीजों का भोग लगाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करें:
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।
इस मंत्र के द्वारा भगवान गणेश को भोग लगाते समय प्रार्थना करें कि गणपति बप्पा हमारा भोग स्वीकार करें और हम पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें।
गजानन संकष्टी चतुर्थी 2024 कब है?
पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जुलाई को सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है, इसलिए 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।
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