जानिए आपकी घर की किस दिशा में है देवी-देवताओं का वास, घर में होगा सुख-समृद्धि का आगमन

जब भी लोग घर बनवाते हैं तो वास्तु का बहुत ध्यान रखते हैं, वास्तु शास्त्र में दिशा का विशेष महत्व दिया गया है. इसलिए लोग कोई भी नया काम शुरू करने से पहले पंडित से जरूर विचरवाते हैं. हिन्दू घरों में सबसे ज्यादा सोच विचार मंदिर और घर का मुख्य द्वार किस दिशा में हो लेकर होता है. आपको बता दें कि वास्तु शास्त्र में ईशान कोण (NORTHEAST) का विशेष महत्व होता है. उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को ईशान कोण कहते हैं. इसका घर की तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान होता है.

ishan kon
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को ईशान कोण कहते हैं

जब भी लोग घर बनवाते हैं तो वास्तु का बहुत ध्यान रखते हैं, वास्तु शास्त्र में दिशा का विशेष महत्व दिया गया है. इसलिए लोग कोई भी नया काम शुरू करने से पहले पंडित से जरूर विचरवाते हैं. हिन्दू घरों में सबसे ज्यादा सोच विचार मंदिर और घर का मुख्य द्वार किस दिशा में हो लेकर होता है. आपको बता दें कि वास्तु शास्त्र में ईशान कोण (NORTHEAST) का विशेष महत्व होता है. उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा को ईशान कोण कहते हैं. इसका घर की तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान होता है.

क्या है ईशान कोण का महत्व

मान्यता है कि इस दिशा में भोलेनाथ का वास होता है. ईशान कोण को धन, सेहत, यश और मान-सम्मान के रूप में देखा जाता है. घर का मुख्य द्वार ईशान कोण में होना शुभ फलदायी होता है.

ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है. इस दिशा में बृहस्पति ग्रह और ब्रह्मा का भी वास होता है.

ईशान कोण बहुत पवित्र मानी जाती है इसलिए इस दिशा में कचरा रखना और टॉयलेट या किचन बनवाना ठीक नहीं माना जाता है. इससे घर की तरक्की रुक जाती है. ईशान दिशा में कभी कोई भारी वस्तु नहीं रखनी चाहिए.

इस दिशा में कुआं, नल की बोरिंग जैस कार्य करवाना अच्छा होता है. हां इस दिशा में सेप्टिक टैंक नहीं लगवाना चाहिए. नहीं तो वंश बढ़ने में रुकावट आती है.

सुबह का समय अगर ईशान दिशा में बिताते हैं तो शरीर और दिमाग के लिए अच्छा होगा. इससे आपके विचारों में सकारात्मकता आएगी. इस जगह पर मंदिर रखने या धार्मिक कार्य करना शुभ होता है.