जानिए पौराणिक कथा,कठोर तपस्या के दौरान भगवान शिव ने यूं ली थी माता पार्वती की परीक्षा
माता सती ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की थी, जिससे वे माता पार्वती बनीं। सती का जन्म प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में हुआ था और वह भगवान शिव की पहली पत्नी थी। सती ने बचपन से ही भगवान शिव की भक्ति की थी और वे उन्हें पति के रूप में पाने का इच्छुक थीं।
माता सती ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की थी, जिससे वे माता पार्वती बनीं। सती का जन्म प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में हुआ था और वह भगवान शिव की पहली पत्नी थी। सती ने बचपन से ही भगवान शिव की भक्ति की थी और वे उन्हें पति के रूप में पाने का इच्छुक थीं।
हालांकि, उनके पिता दक्ष ने उन्हें अपनी बेटी के लिए एक उपयुक्त वर मानने से इंकार किया था, सती ने फिर भी भगवान शिव से विवाह किया। यज्ञ में जब दक्ष ने भगवान शिव और सती को न आमंत्रित किया और उनका अपमान किया, तो सती ने अपने प्राणों की आहुति दी।
इसके परिणामस्वरूप, सती का शरीर विलीन हो गया और वे पुनर्जन्म में पार्वती के रूप में उत्तरी में हिमालय के घर में जन्म ली। पार्वती ने भी भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए तपस्या की, और उन्होंने अनेक वर्षों तक कठिन उपवास और तपस्या की।
भगवान शिव ने पार्वती की तपस्या को प्रसन्नता से देखा और उन्हें पति के रूप में स्वीकार किया। इससे पार्वती की तपस्या की महत्वपूर्ण परीक्षा सफल रही और वे भगवान शिव की अर्धांगिनी बन गईं।
इस तरह, माता पार्वती ने अपनी कड़ी तपस्या और प्रेम के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न किया और उन्हें पति के रूप में प्राप्त किया।
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