कब मनाई जाएगी नाग पंचमी,जानिए इसकी सम्पूर्ण पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी सावन में पड़ने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह सावन मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा. इस दिन भक्त शव मंदिर जाकर शिवजी सहित नाग देवता की पूजा करते हैं. इस दिन नाग देवता को दूध और धान का लावा अर्पित करना शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन मिट्टी या चांदी के नाग देवता की विधिवत पूजा करने से कालसर्प दोष से राहत मिलता है. इस दिन शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक का भी आयोजन किया जाता है. इस बार नाग पंचमी की पूजा के लिए सिर्फ ढाई घंटे का समय उत्तम माना जा रहा है. ऐसे में जानते हैं कि नाग पंचमी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या हैं और इस दिन कौन का खास उपाय करना शुभ रहेगा.

nag panchami
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नाग पंचमी सावन में पड़ने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है.

नाग पंचमी सावन में पड़ने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह सावन मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा. इस दिन भक्त शव मंदिर जाकर शिवजी सहित नाग देवता की पूजा करते हैं. इस दिन नाग देवता को दूध और धान का लावा अर्पित करना शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन मिट्टी या चांदी के नाग देवता की विधिवत पूजा करने से कालसर्प दोष से राहत मिलता है. इस दिन शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक का भी आयोजन किया जाता है. इस बार नाग पंचमी की पूजा के लिए सिर्फ ढाई घंटे का समय उत्तम माना जा रहा है. ऐसे में जानते हैं कि नाग पंचमी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या हैं और इस दिन कौन का खास उपाय करना शुभ रहेगा.

नाग पंचमी पर पूजा के लिए ढाई घंटे का शुभ मुहूर्त

हिंदी पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है. इस साल नाग पंचमी 02 अगस्त 2022 को मंगलवार के दिन मनाई जाएगी. इस दिन पंचमी तिथि की शुरुआत सुबह 5 बजकर 14 मिनट से हो रही है. जबकि पंचमी तिथि पंचमी तिथि अगले दिन यानी 3 अगस्त को सुबह 6 बजकर 05 मिनट से 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. नाग पंचमी के दिन भगवान शिव के साथ-साथ वासुकी नाग की भी पूजा की जाती है, क्योंकि वे भोलेनाथ के गले की शोभ बढ़ाते हैं.

धार्मिक मान्याताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग देवता और बोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ खास उपाय किए जाते हैं. ऐसे में आप चाहें तो इस दिन स्नान के बाद गंगाजल से शुद्द होकर पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध कर लें. इसके बाद लकड़ी से चौकीनुमा आसन पर साफ कपड़े बिछाकर नाग देवता की प्रतिमा स्थापित करें. अब नाग देवता के सामने घी का दीपक जलाएं. घी उपलब्ध ना हो तो तील या सरसों के तेल का भी दीपक जला सकते हैं. इसके बाद बारी बारी से जल, गंगाजल और दूध के नाग देवता का अभिषेक करें. अब उन्हें चंदन, कुमकुम, हल्दी, अक्षत और सफेद फूल अर्पित करें. मान्यतानुसार, नाग पंचमी के दिन यह पूजन कालसर्प दोष निवारण के लिए भी प्रभावशाली माना जाता है. इसके अलावा इस दिन चांदी के सर्प को दूध में रखकर शिवलिंग पर चढ़ाना भी शुभ फालदायी होता है. वहीं कालसर्प दोष की शांति के लिए सामान्य उपाय कुत्ता पालना, कुत्ते की सेवा करना, कुत्ते को दूध रोटी खिलाना बेहद असरदार उपाय माने गए हैं.