भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट बनने के लिए इन एग्जाम को करना होगा क्वालिफाई

आज, 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 8 अक्टूबर 1932 की तारीख को वायु सेना की स्थापना थल सेना की सहायता के लिए की गई थी। तब से हर साल आज ही के दिन वायु सेना दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर वायु सेना द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और इसमें तीनों सेनाओं - थल सेना, नौसेना और वायु सेना के चीफ सम्मिलित होते हैं। करीब 1.7 लाख कर्मियों और 1400 एयरक्राफ्ट वाली वायु सेना की स्थापना के 90 वर्ष पूरे होने के अवसर ऐसे स्नातक युवाओं के लिए हम लेकर आए हैं महत्वपूर्ण करियर जानकारी लेकर आए हैं जो कि एयर फोर्स में फाइटर पायलट बनने की इच्छा रखते हैं।

indian air force day

आज, 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 8 अक्टूबर 1932 की तारीख को वायु सेना की स्थापना थल सेना की सहायता के लिए की गई थी। तब से हर साल आज ही के दिन वायु सेना दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर वायु सेना द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और इसमें तीनों सेनाओं - थल सेना, नौसेना और वायु सेना के चीफ सम्मिलित होते हैं। करीब 1.7 लाख कर्मियों और 1400 एयरक्राफ्ट वाली वायु सेना की स्थापना के 90 वर्ष पूरे होने के अवसर ऐसे स्नातक युवाओं के लिए हम लेकर आए हैं महत्वपूर्ण करियर जानकारी लेकर आए हैं जो कि एयर फोर्स में फाइटर पायलट बनने की इच्छा रखते हैं।

एयर फोर्स में फाइटर पायलट बनने के लिए एग्जाम

भारतीय वायु सेना में स्नातक युवाओं के फाइटर पायलट बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सम्मिलित रक्षा सेवा (सीडीएस) परीक्षा और एयर फोर्स द्वारा ही आयोजित किए जाने वाले एयर फोर्स कॉमन ऐडमिशन टेस्ट (एएफकैट) के मुख्य विकल्प हैं। यूपीएससी द्वारा सीडीएस परीक्षा का आयोजन हर वर्ष दो बार, आमतौर पर अप्रैल और सितंबर माह के दौरान किया जाता है। इन परीक्षा के लिए अधिसूचना और पंजीकरण क्रमश: दिसंबर/जनवरी और मई/जून में होते हैं। इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए उम्मीदवारों को गणित व भौतिक विज्ञान के साथ 12वीं एवं स्नातक या बीई डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए और उनकी आयु निर्धारित कट-ऑफ डेट पर 20 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

एयर फोर्स में फाइटर पायलट बनने के इंट्री ऑप्शंस में दूसरा विकल्प एएफकैट का है। इस परीक्षा का भी आयोजन साल में दो बार फरवरी और अगस्त माह के दौरान किया जाता है। परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी और पंजीकरण क्रमश: दिसंबर और जून में होते हैं। इस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए उम्मीदवारों को मैथ व फिजिक्स के साथ 10+2 और फिर न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ स्नातक या बीई डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए। आयु निर्धारित कट-ऑफ डेट पर 20 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

सीडीएस और एएफकैट में सफल घोषित उम्मीदवारों को सर्विसेस सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) के इंटरव्यू व मेडिकल राउंड से गुजरना होता है। इसके बाद उम्मीदवारों की मेरिट और प्रिफ्रेंस के अनुसार वायु सेना अकादमी ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। इसके पूरा करने के बाद फ्लाईंग ऑफिसर के तौर पर एयर फोर्स में स्थायी कमीशन (एएफकैट इंट्री के लिए 14 वर्ष का शॉर्ट सर्विस कमीशन) दिया जाता है, जिसके दौरान एयर फोर्स में फाइटर पायलट के तौर पर सेवा का अवसर दिया जाता है।

बिना परीक्षा एयर फोर्स में पायलट बनने का भी है विकल्प

हालांकि, भारतीय वायु सेना में बिना परीक्षा फाइटर पायलट बनने का भी विकल्प है। आइएएफ द्वारा एयर विंग एनसीसी में ‘सी’ सर्टिफिकेट कम से कम ‘बी’ ग्रेड में उत्तीर्ण, न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ स्नातक या बीई डिग्री एवं 20 से 24 वर्ष की आयु वाले उम्मीदवारों की भर्ती की जाती है, जिससे फ्लाईंग ब्रांच में भी शामिल हो सकते हैं। इस भर्ती के अंतर्गत उम्मीदवारों को सीधे एसएसबी राउंड के लिए आमंत्रित किया जाता है। एनसीसी भर्ती के लिए अधिसूचना साल में दो बार जून और दिसंबर माह के दौरान रोजगार समाचार में निकाली जाती है।