मानसून में फोड़े-फुंसी से बचना चाहते हैं, तो आज ही इन 5 आदतों में बदलाव करें
मानसून का मौसम उमस भरी गर्मी से राहत तो लाता है, लेकिन त्वचा से जुड़ी समस्याओं को भी बढ़ा सकता है। यदि आप बरसात के इस मौसम में चेहरे को फोड़े-फुंसी से बचाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। पिंपल्स आना सामान्य है, लेकिन जब ये बार-बार होने लगें और निशान छोड़ने लगें, तो यह सिरदर्द बन जाता है। आइए जानते हैं इन समस्याओं की 5 वजहें, जिन्हें सुधारकर आप राहत पा सकते हैं।
मानसून का मौसम उमस भरी गर्मी से राहत तो लाता है, लेकिन त्वचा से जुड़ी समस्याओं को भी बढ़ा सकता है। यदि आप बरसात के इस मौसम में चेहरे को फोड़े-फुंसी से बचाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। पिंपल्स आना सामान्य है, लेकिन जब ये बार-बार होने लगें और निशान छोड़ने लगें, तो यह सिरदर्द बन जाता है। आइए जानते हैं इन समस्याओं की 5 वजहें, जिन्हें सुधारकर आप राहत पा सकते हैं।
मोबाइल स्क्रीन की सफाई
खाने-पीने के बाद हाथ धोना लोग याद रखते हैं, लेकिन मोबाइल की स्क्रीन और कवर साफ करना भूल जाते हैं। मोबाइल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली चीजों में से है, और इस पर चिपके बैक्टीरिया आपके चेहरे तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
बार-बार चेहरे को छूना
मानसून में नमी ज्यादा होती है, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बार-बार चेहरे को छूने से बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं, जिससे पिंपल्स की समस्या बढ़ती है। इसलिए चेहरे को बार-बार छूने से बचें।
पानी कम पीना
मानसून में प्यास कम लगती है, और कई लोग पर्याप्त पानी नहीं पीते। इससे स्किन ड्राई हो जाती है और नमी बनाए रखने के लिए सीबम का उत्पादन बढ़ जाता है, जिससे ब्रेकआउट्स होने की संभावना बढ़ जाती है।
ज्यादा क्रीम का इस्तेमाल
मानसून में ज्यादा क्रीम का उपयोग करने से स्किन पोर्स बंद हो जाते हैं। ह्यूमिडिटी के कारण पसीना ज्यादा आता है और क्रीम की मोटी परत पोर्स को ब्लॉक कर देती है, जिससे कील-मुंहासे होने लगते हैं।
ज्यादा स्क्रब करना
मानसून में स्किन बैरियर का ख्याल रखना जरूरी है। डेड स्किन सेल्स हटाने के लिए ज्यादा स्क्रब करने से स्किन डैमेज हो सकती है और फोड़े-फुंसी बढ़ सकते हैं। फिजिकल या केमिकल स्क्रब का संतुलित उपयोग करें।
इन आदतों को सुधारकर आप मानसून में त्वचा की समस्याओं से बच सकते हैं और अपने चेहरे को स्वस्थ और साफ रख सकते हैं।
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