
क्या आपको भी है सिगरेट की आदत तो पढ़िए ये ख़ास खबर, WHO की नई रिपोर्ट में किया गया खुलास, कहा- ‘स्मोकिंग छोड़ेने से डायबिटीज का खतरा हो सकता है लगभग आधा
हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO), इंटरनेशनल डायबिटीज फेड्रेशन और यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू कैसल ने यह बताया है कि स्मोकिंग छोड़ने से 30-40 प्रतिशत तक टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेड्रेशन के अनुसार, दुनिया भर में करीब 53.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है। डायबिटीज दुनिया भर में लोगों की मौत की 9वीं सबसे बड़ी वजह हैस्मोक करने से हमारे शरीर के ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है, जो टाइप-2 डायबिटीज होने के जोखिम को बढ़ा देता है। WHO ने अपने एक बयान में बताया कि स्मोक करने से डायबिटीज की वजह से होने वाली परेशानियां जैसे दिल की बीमारियां, आंखों की रोशनी जाना, किडनी फेलियर या घाव का जल्दी न भरना जैसी समस्याएं और भी गंभीर हो सकती हैं। साथ ही इससे एक या दोनों पैर खोने का खतरा भी शामिल है। यानी स्मोकिंग की वजह से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, जो एक गंभीर स्थिति की ओर संकेत करता है। स्मोकिंग अब एक फैशन बन गया है जो युवाओं में बहुत तेजी से फैल रहा है। इसलिए जरूरी है कि लोगों में स्मोकिंग छोड़ने के लिए जागरूकता फैलाई जाए।

हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO), इंटरनेशनल डायबिटीज फेड्रेशन और यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू कैसल ने यह बताया है कि स्मोकिंग छोड़ने से 30-40 प्रतिशत तक टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेड्रेशन के अनुसार, दुनिया भर में करीब 53.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है। डायबिटीज दुनिया भर में लोगों की मौत की 9वीं सबसे बड़ी वजह हैस्मोक करने से हमारे शरीर के ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है, जो टाइप-2 डायबिटीज होने के जोखिम को बढ़ा देता है। WHO ने अपने एक बयान में बताया कि स्मोक करने से डायबिटीज की वजह से होने वाली परेशानियां जैसे दिल की बीमारियां, आंखों की रोशनी जाना, किडनी फेलियर या घाव का जल्दी न भरना जैसी समस्याएं और भी गंभीर हो सकती हैं। साथ ही इससे एक या दोनों पैर खोने का खतरा भी शामिल है। यानी स्मोकिंग की वजह से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, जो एक गंभीर स्थिति की ओर संकेत करता है। स्मोकिंग अब एक फैशन बन गया है जो युवाओं में बहुत तेजी से फैल रहा है। इसलिए जरूरी है कि लोगों में स्मोकिंग छोड़ने के लिए जागरूकता फैलाई जाए।
डायबिटीज के कुल मामलों में 95 प्रतिशत टाइप-2 डायबिटीज के केस हैं। टाइप-2 डायबिटीज से बचाव किया जा सकता है। अधिक वजन होना, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, इनएक्टिव लाइफस्टाइल, जेनेटिक्स जैसे कई फैक्टर्स हैं, जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देते हैं। लेकिन, लाइफस्टाइल में बदलाव कर डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं और किन बातों का ख्याल रख डायबिटीज से बचा जा सकता है।
वजन पर करें कंट्रोल- वजन अधिक होने की वजह से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हेल्दी वजन का होना बहुत जरूरी है। इसमें एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट आपकी मदद कर सकते हैं। हालांकि, बिना अपने डॉक्टर से सलाह लिए, वजन कम करने के लिए ऐसे ही कोई भी डाइट फॉलो न करें।
रोज़ करें एक्सरसाइज यह न केवल डायबिटीज से बचाव के लिए आवश्यक है बल्कि आपकी पूरी सेहत के लिए फायदेमंद है। इसलिए रोज 30-40 मिनट एक्सरसाइज करें। इससे आपकी बॉडी में फैट्स की मात्रा नहीं बढ़ेगी। एरोबिक एक्सरसाइज, स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग जैसी एक्सरसाइज डायबिटीज से बचाव में मदद करती हैं, इसलिए इन्हें अपने फिटनेस रूटीन में शामिल करें।
स्ट्रेस को मैनेज करना सीखें- स्ट्रेस की वजह से ओवर इटिंग, हाई बीपी, इनएक्टिव लाइफस्टाइल आदि जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं। ये सभी डायबिटीज के खतरे को बढ़ाते हैं। इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट सीखें।
हेल्दी डाइट का रखें ध्यान- आपके खान-पान का असर आपकी हेल्थ पर पड़ता है, यह तो आप जानते ही हैं। इसलिए अपने खाने में हरी सब्जियां, फल, फिश आदि को शामिल करें। साथ ही अधिक फैट्स वाला खाना आपका वजन बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज का जोखिम भी बढ़ता है। इसलिए अपनी डाइट में अधिक तेल वाले या अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड आइटम्स को शामिल न करें।
मीठे का कम करें उपयोग- अपने खाने-पीने में चीनी की मात्रा कम करें। ज्यादा चीनी खाने से आपके ब्लड का शुगर लेवल बढ़ता है, जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए शुगर वाले ड्रिंक्स, केक आदि को कम खाएं। इसके बदले किसी हेल्दी ऑप्शन का चुनाव करें।
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