बालों का झड़ना और वजन का बढ़ना थायरॉइड के लक्षण हो सकते हैं, इनसे बचने के लिए करें ये विशेष योगासन।
थायरॉइड ग्लैंड एक तितली के आकार की छोटी ग्लैंड होती है, जो गले के सामने के हिस्से में स्थित होती है। यह ग्लैंड थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म, दिल की धड़कन, शरीर के तापमान, प्रजनन क्षमता और मानसिक गतिविधियों जैसी महत्वपूर्ण क्रियाओं को नियंत्रित करती है। जब यह ग्लैंड सामान्य से अधिक या कम मात्रा में हार्मोन बनाने लगती है, तो इसे थायरॉइड की बीमारी कहा जाता है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं।
थायरॉइड ग्लैंड एक तितली के आकार की छोटी ग्लैंड होती है, जो गले के सामने के हिस्से में स्थित होती है। यह ग्लैंड थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म, दिल की धड़कन, शरीर के तापमान, प्रजनन क्षमता और मानसिक गतिविधियों जैसी महत्वपूर्ण क्रियाओं को नियंत्रित करती है। जब यह ग्लैंड सामान्य से अधिक या कम मात्रा में हार्मोन बनाने लगती है, तो इसे थायरॉइड की बीमारी कहा जाता है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं।
थायरॉइड की समस्या के कारण बालों का झड़ना, वजन बढ़ना, अत्यधिक थकान, और मासिक धर्म में अनियमितता जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इसलिए, थायरॉइड ग्लैंड को स्वस्थ बनाए रखना आवश्यक है। इसे स्वस्थ रखने के लिए योगासन एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका हो सकता है।
थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखने के लिए कुछ उपयोगी योगासन:
1. भुजंगासन (कोबरा पोज)
कैसे करें:
- पेट के बल लेटें और हाथों को कंधों के नीचे रखें।
- धीरे-धीरे अपनी पीठ को पीछे की ओर मोड़ें, और सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
- इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रहें, फिर सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
फायदे:
- थायरॉइड ग्लैंड को सक्रिय करता है।
- पीठ को मजबूत बनाता है।
- पेट के अंगों की मालिश करता है।
2. धनुरासन (बो पोज)
कैसे करें:
- पेट के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और टखनों को पकड़ें।
- पैरों और छाती को उठाएं, सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
- इस स्थिति को 15-20 सेकंड तक बनाए रखें, फिर सामान्य स्थिति में लौट आएं।
फायदे:
- थायरॉइड ग्लैंड को सक्रिय करता है।
- पीठ और पेट को मजबूत करता है।
- पाचन में सुधार करता है।
3. उष्ट्रासन (कैमल पोज)
कैसे करें:
- घुटनों के बल खड़े हो जाएं।
- अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और एड़ियों को पकड़ें।
- अपने धड़ को पीछे की ओर झुकाएं, सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
- इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रहें, फिर सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
फायदे:
- थायरॉइड ग्लैंड को सक्रिय करता है।
- पीठ को मजबूत बनाता है।
- पाचन में सुधार करता है।
4. सेतुबंधासन (ब्रिज पोज)
कैसे करें:
- पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और पैरों को कंधों की चौड़ाई पर रखें।
- नितंबों को ऊपर उठाएं और पीठ को जमीन से उठाएं।
- इस स्थिति को 15-20 सेकंड तक बनाए रखें, फिर सामान्य स्थिति में लौट आएं।
फायदे:
- थायरॉइड ग्लैंड को सक्रिय करता है।
- पीठ और कंधों को मजबूत करता है।
- पाचन में सुधार करता है।
5. मत्स्यासन (फिश पोज)
कैसे करें:
- पीठ के बल लेटें, पैरों को साथ रखें।
- हाथों को शरीर के नीचे रखें, कोहनी को जमीन पर टिकाएं।
- सिर और पीठ को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
- 15-20 सेकंड तक इस स्थिति में रहें, फिर सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
फायदे:
- थायरॉइड ग्लैंड को सक्रिय करता है।
- पीठ और कंधों को मजबूत करता है।
- श्वसन प्रणाली को सुधारता है।
योगासन करने से पहले किसी योग विशेषज्ञ की सलाह लें, और डॉक्टर से भी परामर्श करें। ध्यान रहे कि योगासन थायरॉइड की बीमारी का एकमात्र इलाज नहीं है; इसके साथ-साथ संतुलित आहार और पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है।
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