भारतीय ओलंपिक संघ के चुनाव की तारिख आई सामने, सुप्रीम कोर्ट की दिसंबर की नई समयसीमा हुई मंजूरी

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के संविधान का मसौदा गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय ओलंपिक संघ की कार्यकारी समिति के चुनाव के लिए नई समयसीमा (timeline) को मंजूरी दे दी है। भारतीय ओलंपिक संघ के चुनाव 10 दिसंबर को होंगे।

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भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के संविधान का मसौदा गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय ओलंपिक संघ की कार्यकारी समिति के चुनाव के लिए नई समयसीमा (timeline) को मंजूरी दे दी है। भारतीय ओलंपिक संघ के चुनाव 10 दिसंबर को होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने इसके पहले सुझाव दिया था कि संविधान का मसौदा 7 नवंबर तक जमा किया जाए और चुनाव 3 दिसंबर तक पूरा किया जाए।

कोर्ट की इस पीठ ने संशोधित संविधान के मसौदे को दी अनुमति

गुरुवार को न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने संशोधित संविधान के मसौदे को नियमों के अनुसार आईओए के सदस्यों के बीच प्रसारित करने की भी अनुमति दी, ताकि इसे 10 नवंबर को होने वाली आम सभा की बैठक में अपनाया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी याचिका पर विचार करने से रोका

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की अदालतों को मसौदा संविधान या प्रस्तावित कार्यकारी समिति के चुनावों के संबंध में किसी भी याचिका पर विचार करने से रोक दिया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि ऐसी सभी याचिकाएं केवल इसके द्वारा ही ली जाएंगी।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के कार्यकारी बोर्ड की होनी है बैठक

सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर को आईओए और उसके चुनावों के प्रारूप संविधान में संशोधन के लिए समयसीमा को मंजूरी दी थी, जैसा कि 27 सितंबर को स्विट्जरलैंड के लुसाने में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के साथ बैठक में सहमति हुई थी। इसने 3 दिसंबर को IOA की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने को मंजूरी दी थी, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के कार्यकारी बोर्ड की बैठक 5 दिसंबर को होने वाली है।

न्यायमूर्ति राव को 20 लाख रुपये का पारिश्रमिक भी तय

पीठ ने संविधान का मसौदा तैयार करने की व्यापक कवायद के लिए न्यायमूर्ति राव को 20 लाख रुपये का पारिश्रमिक भी तय किया है। साथ ही कहा कि वह आईओए के सदस्यों के बीच मसौदा संविधान के प्रसार के तौर-तरीकों को भी चाक-चौबंद करेंगे।