मेघालय में एक दो साल के बच्चे को पोलियो हो गया है, जो कि एक चिंताजनक खबर है। इस मामले को समझने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि Vaccine-Derived Polio क्या है
पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के मल या दूषित खाने-पीने के माध्यम से फैल सकती है। इस बीमारी के उन्मूलन के लिए WHO ने 1988 में एक वैश्विक अभियान शुरू किया, जिसमें कई बड़ी संस्थाओं ने भी सहयोग दिया। इस अभियान के तहत, 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाती है। इसी अभियान के चलते भारत 2011 में पोलियो मुक्त देश घोषित हुआ, मतलब अब भारत में पोलियो के नए मामले सामने नहीं आ रहे हैं।
पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के मल या दूषित खाने-पीने के माध्यम से फैल सकती है। इस बीमारी के उन्मूलन के लिए WHO ने 1988 में एक वैश्विक अभियान शुरू किया, जिसमें कई बड़ी संस्थाओं ने भी सहयोग दिया। इस अभियान के तहत, 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाती है। इसी अभियान के चलते भारत 2011 में पोलियो मुक्त देश घोषित हुआ, मतलब अब भारत में पोलियो के नए मामले सामने नहीं आ रहे हैं।
लेकिन हाल ही में एक खबर आई है जिसने लोगों के बीच पोलियो का डर फिर से बढ़ा दिया है। मेघालय में दो साल के एक बच्चे में पोलियो का मामला सामने आया है, खासकर पश्चिमी गारो हिल्स के इलाके में। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि यह वैक्सीन-जनित पोलियो (Vaccine-Derived Polio) का मामला है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। अब सवाल उठता है कि वैक्सीन-जनित पोलियो क्या होता है। आइए जानते हैं।
वैक्सीन-जनित पोलियो क्या है?
वैक्सीन-जनित पोलियो का मतलब है कि पोलियो की वैक्सीन में इस्तेमाल किए गए कमजोर वायरस के स्ट्रेन से संक्रमण होना। हालांकि, इसका जोखिम बहुत कम होता है और यह ज्यादातर उन बच्चों को प्रभावित करता है जिनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर होती है। ऐसा तब होता है जब ओरल पोलियो वैक्सीन का वायरस शरीर के अंदर म्यूटेट होकर संक्रमण पैदा करने लगता है।
क्या यह वैक्सीन सुरक्षित है?
ओरल पोलियो वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित मानी जाती है और दुनिया के कई देशों में इसका उपयोग होता है। लेकिन अगर बच्चे की इम्युनिटी कमजोर है, तो यह वायरस खून में पहुंचकर पोलियो के लक्षण दिखा सकता है। अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह वायरस फैल भी सकता है।
किसे पोलियो का अधिक खतरा होता है?
- 5 साल से कम उम्र के बच्चे
- गर्भवती महिलाएं
- कमजोर इम्युनिटी वाले बच्चे
- गंदी जगहों पर रहना या गंदा खाना खाना
- ऐसे देश में जाना या रहना जहां पोलियो का उन्मूलन नहीं हुआ हो
- पोलियो वैक्सीन नहीं लगवाई हो
क्या पहले भी वैक्सीन-जनित पोलियो के मामले सामने आए हैं?
हां, भारत में पहले भी वैक्सीन-जनित पोलियो के कुछ मामले देखे गए हैं। यह खतरनाक इसलिए हो सकता है क्योंकि अगर वायरस बच्चे में फैलने लगे, तो यह मल या दूषित खाने-पीने के माध्यम से अन्य लोगों में भी फैल सकता है। पोलियो से पैरालिसिस भी हो सकता है, जो आमतौर पर पैरों को प्रभावित करता है, और कुछ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है।
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