सावधान! अपने बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखें, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान
यदि आपका बच्चा छह साल से कम उम्र का है, तो उसे मोबाइल और टीवी स्क्रीन से दूर रखें। ऐसा न करने पर आपको बाद में पछताना पड़ सकता है। छोटे बच्चों के लिए स्क्रीन का अधिक उपयोग और उसके संपर्क में आना बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
यदि आपका बच्चा छह साल से कम उम्र का है, तो उसे मोबाइल और टीवी स्क्रीन से दूर रखें। ऐसा न करने पर आपको बाद में पछताना पड़ सकता है। छोटे बच्चों के लिए स्क्रीन का अधिक उपयोग और उसके संपर्क में आना बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
इस सर्वेक्षण का नेतृत्व डॉ. मनीषा तेवतिया और उनकी टीम ने किया। इस सर्वेक्षण में करीब 400 अभिभावकों और उनके बच्चों को शामिल किया गया। सर्वे के अनुसार, छह साल से कम उम्र के बच्चों पर ज्यादा स्क्रीन टाइम का सीधा असर उनके मानसिक विकास पर पड़ता है। यह उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को भी बाधित कर सकता है। विशेषज्ञों, जैसे कि अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, छह साल से कम उम्र के बच्चों को वीडियो कॉलिंग जैसी विशेष परिस्थितियों को छोड़कर स्क्रीन से दूर रखना चाहिए।
मानसिक विकास में रुकावट:
डॉ. मनीषा तेवतिया के अनुसार, इस उम्र के बच्चों का मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है, लेकिन स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल उनके संज्ञानात्मक और भाषाई विकास में बाधा डाल सकता है। बच्चों को भाषा और सामाजिक कौशल सिखाने के लिए व्यक्तिगत संवाद की आवश्यकता होती है, जो स्क्रीन के अधिक उपयोग से प्रभावित हो सकता है। ऐसे बच्चे अन्य लोगों के साथ बातचीत और सामाजिक संबंध बनाने में पिछड़ सकते हैं।
नींद की कमी:
स्क्रीन के अधिक इस्तेमाल से बच्चों की नींद भी प्रभावित होती है। यह उनकी नींद की दिनचर्या और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालता है। स्क्रीन टाइम के कारण बच्चे शारीरिक रूप से भी कम सक्रिय हो जाते हैं, जिससे उनकी शारीरिक क्षमता और मांसपेशियों के विकास पर भी असर पड़ सकता है।
स्क्रीन का उपयोग सीमित करें:
डॉ. मनीषा का सुझाव है कि छह साल से कम उम्र के बच्चों को स्क्रीन से पूरी तरह दूर रखने का प्रयास करें। अगर स्क्रीन का उपयोग जरूरी हो, तो उसे केवल वीडियो कॉलिंग जैसी सामाजिक गतिविधियों तक सीमित रखें। इसके बजाय, बच्चों को खिलौनों, किताबों और शारीरिक खेलों के साथ व्यस्त रखें ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास सही दिशा में हो सके। अभिभावकों को बच्चों के साथ अधिक समय बिताना चाहिए, उनसे बातचीत करनी चाहिए, कहानियां सुनानी चाहिए और गाने गाने चाहिए। इससे उनके भाषा और सामाजिक कौशल का विकास होता है।
नींद की नियमितता बनाए रखें:
बच्चों की सोने की दिनचर्या तय करें और सुनिश्चित करें कि सोने से पहले वे स्क्रीन से दूर रहें। सोने से पहले उन्हें शांत और आरामदायक माहौल प्रदान करें। परिवार के सभी सदस्यों को भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि बच्चों को स्क्रीन से दूर रखना कितना आवश्यक है। सुनिश्चित करें कि वे भी बच्चों के सामने कम से कम स्क्रीन का उपयोग करें।
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