भाद्रपद शिवरात्रि हर साल भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है
मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, क्योंकि यह हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस पावन दिन पर भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन कठिन उपवास रखते हैं, उन्हें शिव और शक्ति का संपूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। अब जानते हैं कि भाद्रपद माह की पहली मासिक शिवरात्रि कब मनाई जाएगी और इसकी पूजा विधि क्या होगी।
मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, क्योंकि यह हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस पावन दिन पर भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन कठिन उपवास रखते हैं, उन्हें शिव और शक्ति का संपूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। अब जानते हैं कि भाद्रपद माह की पहली मासिक शिवरात्रि कब मनाई जाएगी और इसकी पूजा विधि क्या होगी।
मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 01 सितंबर को देर रात 03:40 बजे होगी और इसका समापन 02 सितंबर की सुबह 05:21 बजे होगा। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में पूजा करने का विशेष महत्व होता है, इसलिए भाद्रपद माह की शिवरात्रि 01 सितंबर को मनाई जाएगी।
शिव जी का नमस्कार मंत्र
1. शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।
2. ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।
पूजा विधि
- सबसे पहले भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- स्नान के बाद शिव जी के समक्ष उपवास का संकल्प लें।
- एक वेदी पर शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें और विधिपूर्वक उनकी पूजा करें।
- भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें और सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
- माता पार्वती को सिंदूर अर्पित करें।
- गाय के घी का दीपक जलाएं और खीर व सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
- मदार के फूलों की माला अर्पित करें और शिव जी को बेलपत्र चढ़ाएं।
- शिव तांडव स्तोत्र और शिव चालीसा का पाठ करें।
- आरती करके पूजा का समापन करें और पूजा में हुई भूल-चूक के लिए क्षमा याचना करें।
- अगले दिन व्रत का पारण करें।
इस तरह भक्त मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
Leave a Reply