क्या आप भी गठिया जैसी ख़तरनाक बिमारी के शिकार है, योगासन की मदद से जल्द ही मिल सकता है छुटकारा

गठिया जोड़ों में होने वाली एक बीमारी है जिसे संधिशोथ के नाम से भी जाना जाता है। इस समस्या में जोड़ों में भयंकर दर्द और सूजन रहती हैं। हाथों में छोटी-छोटी गांठें भी हो जाती हैं। गठिया के मरीजों को सुबह जोड़ों में भयंकर दर्द होता है और स्किन भी रेड हो जाती है। तो अगर आपके जोड़ों में भी सुबह के वक्त दर्द होता है, तो बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं। वैसे गठिया के शुरुआती लक्षणों को योग की मदद से भी दूर किया जा सकता है। तो कौन से योगसान हैं इसमें लाभप्रद, जान लें यहां।

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गठिया जोड़ों में होने वाली एक बीमारी है जिसे संधिशोथ के नाम से भी जाना जाता है। इस समस्या में जोड़ों में भयंकर दर्द और सूजन रहती हैं। हाथों में छोटी-छोटी गांठें भी हो जाती हैं। गठिया के मरीजों को सुबह जोड़ों में भयंकर दर्द होता है और स्किन भी रेड हो जाती है। तो अगर आपके जोड़ों में भी सुबह के वक्त दर्द होता है, तो बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं। वैसे गठिया के शुरुआती लक्षणों को योग की मदद से भी दूर किया जा सकता है। तो कौन से योगसान हैं इसमें लाभप्रद, जान लें यहां।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार का दो से तीन बार अभ्यास ही काफी है गठिया के साथ और कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने में। सूर्य नमस्कार में कुछ 12 आसन शामिल होते हैं, जो अलग-अलग अंगों के लिए फायदेमंद होते हैं। तो सूर्य नमस्कार को करने से ओवरऑल बॉडी की एक्सरसाइज हो जाती है। इसमें शरीर की सभी मसल्स और जोड़ों में खिंचाव होता है।

बालासन

बालासन बहुत ही सरल और फायदेमंद आसन है अर्थराइटिस के मरीजों के लिए। इस आसन को करने के दौरान पीठ के निचले हिस्से, घुटने और पेट पर दबाब पड़ता है। जिससे दर्द व सूजन की समस्या दूर होती है।

टहलना

इन योगासनों को रोजाना फॉलो करने में किसी तरह की तकलीफ हो रही है, तो थोड़ा वक्त निकालकर टहलना भी काफी होगा। टहलना बहुत ही आसान और फायदेमंद एक्सरसाइज है। तो अपनी तकलीफ को देखते हुए टहलने की स्पीड तय करें। अगर आप रोजाना टहलते हैं, तो इससे अर्थराइटिस होने का खतरा भी टाला जा सकता है। महज 10 से15 मिनट की वॉक ही काफी है चुस्त-दुरुस्त बने रहने के लिए।