इन कारणों से पुरुषों की तुलना में महिलाएं होती हैं हार्ट प्रॉब्लम्स का ज्यादा शिकार
भारत में हृदय रोग (कार्डियोवस्कुलर डिजीज) महिलाओं में होने वाली मौतों का एक मुख्य कारण बनता जा रहा है। खराब जीवनशैली और आहार को हृदय समस्याओं का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए इन दोनों चीजों का ध्यान रखना मुश्किल होता है, जिससे उनमें हृदय रोग की संभावना अधिक होती है। लेकिन यह खतरा ग्रामीण महिलाओं में भी कम नहीं है।
भारत में हृदय रोग (कार्डियोवस्कुलर डिजीज) महिलाओं में होने वाली मौतों का एक मुख्य कारण बनता जा रहा है। खराब जीवनशैली और आहार को हृदय समस्याओं का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए इन दोनों चीजों का ध्यान रखना मुश्किल होता है, जिससे उनमें हृदय रोग की संभावना अधिक होती है। लेकिन यह खतरा ग्रामीण महिलाओं में भी कम नहीं है।
हृदय रोग के कई कारण होते हैं, जिनमें उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, धूम्रपान, शराब का सेवन, अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी और मानसिक तनाव प्रमुख हैं।
महिलाओं में बढ़ते हृदय रोग की वजह
डॉ. सुखबिंदर सिंह सीबिया, कार्डियोलॉजिस्ट और डायरेक्टर, सीबिया मेडिकल सेंटर, लुधियाना के अनुसार, "महिलाओं में हृदय रोग के बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह उनकी जरूरत से ज्यादा जिम्मेदारियों का बोझ उठाना है। यह तनाव को बढ़ाता है। परिवार और ऑफिस के बीच संतुलन बनाने की कोशिश में वे अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। स्वस्थ रहने के लिए खानपान पर ध्यान देने के साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच कराना भी आवश्यक है। इससे कई बीमारियों का समय रहते पता चल सकता है और सही उपचार से उन्हें ठीक किया जा सकता है।"
हृदय रोग के लक्षण
महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण पुरुषों की तुलना में अलग हो सकते हैं, जैसे कि सीने में दर्द की बजाय थकान, सांस लेने में परेशानी, पीठ या जबड़े में दर्द। इसे आम समस्या समझकर अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे हृदय रोगों का समय रहते पता नहीं चल पाता।
हृदय रोग से बचाव के उपाय
खानपान पर दें ध्यान
महिलाओं में हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए सबसे पहले खानपान पर ध्यान देना जरूरी है। डाइट में मौसमी फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल करें। साथ ही सैचुरेटेड और ट्रांस फैट, सोडियम और शुगरी प्रोडक्ट्स का सेवन कम करें। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।
फिजिकल एक्टिविटी है जरूरी
नियमित फिजिकल एक्टिविटी भी महत्वपूर्ण है। रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें। वॉकिंग, जॉगिंग, साइकिल चलाना और कार्डियो एक्सरसाइज हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। वर्कआउट से वजन नियंत्रित रहता है और हार्ट प्रॉब्लम्स के साथ डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।
धूम्रपान से करें तौबा
धूम्रपान और शराब का सेवन नियंत्रित करना भी जरूरी है। धूम्रपान छोड़कर हृदय रोग का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा, शराब का सेवन भी सीमित मात्रा में करें, अत्यधिक शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और हृदय रोग का जोखिम भी।
स्ट्रेस से रहें दूर
महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि तनाव और अवसाद हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। नियमित योग, ध्यान और पर्याप्त नींद मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
नियमित स्वास्थ्य जांच
नियमित रूप से हेल्थ चेकअप और स्क्रीनिंग भी हृदय रोगों की रोकथाम में महत्वपूर्ण हैं। ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की जांच कराते रहें और डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाओं का सेवन करें।
Leave a Reply