मेनोपॉज का एक गंभीर लक्षण है मेंस्ट्रुअल फ्लडिंग, इसे नजरअंदाज करना हो सकता है खतरनाक।

महिलाओं के जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं, और उनमें से एक प्रमुख बदलाव मेनोपॉज (Menopause) है। यह वह समय होता है जब एक महिला की मासिक धर्म चक्र समाप्त हो जाती है, और शरीर हार्मोनल असंतुलन और परिवर्तन से गुजरता है। यह प्रक्रिया आसान नहीं होती, क्योंकि इस दौरान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही प्रभावित होते हैं। हार्मोनल असंतुलन के कारण कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

menopause symptom

महिलाओं के जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं, और उनमें से एक प्रमुख बदलाव मेनोपॉज (Menopause) है। यह वह समय होता है जब एक महिला की मासिक धर्म चक्र समाप्त हो जाती है, और शरीर हार्मोनल असंतुलन और परिवर्तन से गुजरता है। यह प्रक्रिया आसान नहीं होती, क्योंकि इस दौरान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही प्रभावित होते हैं। हार्मोनल असंतुलन के कारण कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

मेनोपॉज से पहले, महिलाओं को पेरी मेनोपॉज के लक्षण दिखने लगते हैं, जो यह संकेत देते हैं कि मेनोपॉज का समय नजदीक आ रहा है। इन लक्षणों में पेट में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, सिरदर्द, चिंता, थकान, अवसाद, गर्मी के दौरे (हॉट फ्लैशेज), और जोड़ों में दर्द शामिल हैं।

मेंस्ट्रुअल फ्लडिंग क्या होती है?

इस अवधि के दौरान, एक सामान्य समस्या है जिसे मेंस्ट्रुअल फ्लडिंग कहा जाता है। इसे आसान भाषा में हैवी पीरियड्स या अत्यधिक रक्तस्राव कहा जा सकता है। यह समस्या ओव्युलेटरी डिस्फंक्शन के कारण होती है, जिसमें ओवरी से असामान्य मात्रा में अंडे निकलने लगते हैं। उम्र बढ़ने के साथ अंडों की मात्रा कम होने लगती है, जिससे रिप्रोडक्टिव हार्मोनों में असंतुलन होता है और हैवी ब्लीडिंग की समस्या उत्पन्न होती है।

मेंस्ट्रुअल फ्लडिंग क्यों होती है?

जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, विशेष रूप से 30 साल के बाद, मासिक धर्म चक्र अनियमित हो सकता है और ब्लीडिंग अधिक होने लगती है। 40 और 50 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है और प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर घट जाता है। यह परिवर्तन गर्भाशय की बाहरी परत को मोटा कर देता है, जो क्लॉट्स और हैवी ब्लड फ्लो के रूप में शरीर से बाहर निकलती है। इसे ही मेंस्ट्रुअल फ्लडिंग कहते हैं, जो कुछ हफ्तों या महीनों तक भी चल सकती है।

मेंस्ट्रुअल फ्लडिंग के गंभीर प्रभाव

मेंस्ट्रुअल फ्लडिंग से महिलाओं में खून की कमी हो सकती है, जिससे वे एनीमिया की शिकार हो सकती हैं। इसके कारण उन्हें हमेशा थकान और चिड़चिड़ाहट महसूस हो सकती है। यदि आपको भी ऐसे लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें और आवश्यक जांच कराएं। इसे अनदेखा न करें, क्योंकि गंभीर स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है।