
जानिए,लिवर सिरोसिस का खतरा केवल शराब के सेवन से ही नहीं बढ़ता, बल्कि इन कारणों से भी यह बीमारी हो सकती है:
कम उम्र में अत्यधिक शराब का सेवन युवाओं को लिवर सिरोसिस का शिकार बना रहा है। कुछ साल पहले यह बीमारी 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह 30 साल की उम्र में ही युवाओं में देखी जा रही है। कोरोना महामारी के बाद यह समस्या और भी बढ़ गई है। लिवर की समस्याओं के लिए केवल शराब ही नहीं, बल्कि निष्क्रिय जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खानपान भी जिम्मेदार हैं।

कम उम्र में अत्यधिक शराब का सेवन युवाओं को लिवर सिरोसिस का शिकार बना रहा है। कुछ साल पहले यह बीमारी 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह 30 साल की उम्र में ही युवाओं में देखी जा रही है। कोरोना महामारी के बाद यह समस्या और भी बढ़ गई है। लिवर की समस्याओं के लिए केवल शराब ही नहीं, बल्कि निष्क्रिय जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खानपान भी जिम्मेदार हैं।
लॉकडाउन के दौरान शारीरिक गतिविधियां लगभग नगण्य हो गई थीं, जिससे लिवर की समस्याएं बढ़ गईं। इसके अलावा, फास्ट फूड, जंक फूड और तेल-मसालेदार खाने का अधिक सेवन भी लिवर की सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। इन अस्वास्थ्यकर आदतों के कारण 11 से 19 साल के 5-10% बच्चे भी फैटी लिवर और लिवर सिरोसिस से ग्रस्त हो रहे हैं।
लिवर सिरोसिस के कारण
1. **अत्यधिक शराब का सेवन**: शराब का अधिक सेवन लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे सूजन होती है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो समस्या गंभीर हो सकती है।
2. **क्रोनिक हेपेटाइटिस बी**: यह एक वायरल संक्रमण है जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है और सूजन का कारण बन सकता है।
3. **क्रोनिक हेपेटाइटिस सी**: यह भी एक वायरल संक्रमण है जो लिवर में सूजन का कारण बनता है, जिससे लिवर का कार्य प्रभावित होता है।
4. **नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज**: इस समस्या में लिवर में वसा जमा हो जाती है। बिना शराब पिए ही यह लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है। अस्वास्थ्यकर खानपान और जीवनशैली इसका प्रमुख कारण है।
5. **वंशानुगत लिवर रोग**: कुछ वंशानुगत बीमारियां जैसे हेमोक्रोमैटोसिस और विल्सन रोग भी लिवर सिरोसिस का कारण बन सकते हैं।
लिवर सिरोसिस के लक्षण
- भूख में कमी
- खुजली
- जी मिचलाना और उल्टी
- त्वचा और आंखों में पीलापन
- वजन तेजी से कम होना
- पैरों में सूजन
- मिट्टी के रंग का मल
- थकान और कमजोरी
सावधानियां
- वजन को नियंत्रित रखें
- नियमित व्यायाम करें, भले ही कम समय के लिए हो
- स्वस्थ और संतुलित आहार लें
- शराब का सेवन कम करें
- डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं
- मौसमी फल और सब्जियों को आहार में शामिल करें
- बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाइयां न लें
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