पैरों में नजर आने वाले ये लक्षण डायबिटीज की ओर इशारा कर सकते हैं
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज संभव नहीं है, और भारत में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह मुख्य रूप से आनुवांशिक कारणों और अस्वस्थ जीवनशैली की वजह से होता है। डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है या शरीर की कोशिकाएं इसे सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पातीं, जिसके कारण रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है। लंबे समय तक शुगर का स्तर बढ़ा रहना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह शरीर के विभिन्न अंगों को धीरे-धीरे प्रभावित करता है।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज संभव नहीं है, और भारत में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह मुख्य रूप से आनुवांशिक कारणों और अस्वस्थ जीवनशैली की वजह से होता है। डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है या शरीर की कोशिकाएं इसे सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पातीं, जिसके कारण रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है। लंबे समय तक शुगर का स्तर बढ़ा रहना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह शरीर के विभिन्न अंगों को धीरे-धीरे प्रभावित करता है।
डायबिटीज के कारण डायबिटिक न्यूरोपैथी (जिसमें नसों को नुकसान पहुंचता है), डायबिटिक रेटिनोपैथी (जिससे आंखों की नसें प्रभावित होती हैं), किडनी की समस्याएं, दिल की बीमारियां, गॉल ब्लैडर की परेशानियां जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। इसके अलावा, डायबिटीज से तनाव, चिंता, कमजोर इम्यूनिटी और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। इसीलिए डायबिटीज से बचाव और इसका सही प्रबंधन बहुत जरूरी है।
दिलचस्प बात यह है कि डायबिटीज के कुछ लक्षण पैरों में भी दिख सकते हैं, जिन पर अक्सर लोग ध्यान नहीं देते। डायबिटीज के मरीजों में पैरों में घाव होने, संक्रमण और अल्सर जैसी समस्याओं का खतरा अधिक होता है। अगर इन लक्षणों की अनदेखी की जाए, तो ये समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं।
डायबिटीज के कारण पैरों में होने वाले बदलावों में त्वचा का रंग बदलना, फंगल इन्फेक्शन (जैसे एथलीट फुट), और ब्लड फ्लो में रुकावट शामिल है। पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होना भी डायबिटीज का लक्षण हो सकता है, जो नसों के नुकसान की वजह से होता है। इसके कारण छोटे घाव या फोड़े जैसी समस्याएं महसूस नहीं होतीं, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा, डायबिटीज के मरीजों की त्वचा का टेक्सचर और रंग बदल सकता है, त्वचा रूखी और फटी हो सकती है, जो खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत हो सकता है। इसलिए डायबिटीज रोगियों को अपने पैरों की नियमित जांच करनी चाहिए। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, वजन का ध्यान रखना, और पैरों का खास ख्याल रखना जैसे पैरों को धोना, सही जूते पहनना, और किसी भी समस्या पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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