इस महीने से शुरू हो रहें है शरद नवरात्रें, क्या गर्भवती महिलाएं भी रख सकती हैं व्रत

साल भर में कुल 4 नवरात्रि पड़ती है, जिसमें से आश्विन मास की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के रूप में जाना जाता है. इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो रही है, जो कि 5 अक्टूबर 2022 तक चलेगी. इस बार शारदीय नवरात्रि पूरे 9 दिनों के होगी. माता का आगमन हाथी पर होगा. नवरात्रि के नौ दिनों की अवधि में भक्त मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही कुछ भक्त इस दौरान उपवास भी करते हैं. इसके अवाला शारदीय नवरात्रि के दौरान कुछ गर्भवती महिलाएं भी व्रत रखकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं. हालांकि डॉक्टर अक्सर गर्भवती महिलाओं को व्रत-उपवास ना करने की सलाह देते हैं. लेकिन फिर भी वे अगर नवरात्रि में व्रत रखना चाहती हैं तो उन्हें इस बात का ध्यान रखन चाहिए कि 9 दिनों तक व्रत ना करें. आइए जानते हैं कि नवरात्रि में गर्भवती महिलाएं किस प्रकार व्रत रख सकती हैं.

navratri begin dates

साल भर में कुल 4 नवरात्रि पड़ती है, जिसमें से आश्विन मास की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के रूप में जाना जाता है. इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो रही है, जो कि 5 अक्टूबर 2022 तक चलेगी. इस बार शारदीय नवरात्रि पूरे 9 दिनों के होगी. माता का आगमन हाथी पर होगा. नवरात्रि के नौ दिनों की अवधि में भक्त मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही कुछ भक्त इस दौरान उपवास भी करते हैं. इसके अवाला शारदीय नवरात्रि के दौरान कुछ गर्भवती महिलाएं भी व्रत रखकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं. हालांकि डॉक्टर अक्सर गर्भवती महिलाओं को व्रत-उपवास ना करने की सलाह देते हैं. लेकिन फिर भी वे अगर नवरात्रि में व्रत रखना चाहती हैं तो उन्हें इस बात का ध्यान रखन चाहिए कि 9 दिनों तक व्रत ना करें. आइए जानते हैं कि नवरात्रि में गर्भवती महिलाएं किस प्रकार व्रत रख सकती हैं.

व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें

नवरात्रि में गर्भवती महिलाओं को व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. हालांकि डॉक्टर की सलाह पर नवरात्रि में महाअष्टमी या नवमी में से किसी एक दिन फलाहार के साथ व्रत रख सकती हैं. गर्भवती महिलाओं को नवरात्रि में पूरे 9 दिन व्रत करने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत पर भी असर हो सकता है.

ऐसी परिस्थिति में कदापि ना रखें व्रत

अक्सर महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान थकान, सिर दर्द, हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की समस्याओं के दो-चार होना पड़ता है. इस परिस्थिति में नवरात्रि के दौरान कदापि व्रत नहीं करना चाहिए. शास्त्रों में ऐसा जरूरी नहीं बताया गया है कि व्रत रखने से ही पूजा का फल मिलता है. फालाहार और भोजन के उपरांत भी सच्ची श्रद्धा के साथ माता का पूजन किया जा सकता है.

गर्भवती महिलाएं ना रखें निर्जला व्रत

गर्भवती महिलाएं अगर नवरात्रि में व्रत रखना चाहती हैं तो उन्हें निर्जला व्रत रखने से परहेज करना चाहिए. निर्जला व्रत रखने से शरीर में कमजोरी होती है. इसके साथ ही डिहाईड्रेशन की समस्या रहती है. जिसका गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक असर होता है. इसलिए निर्जला व्रत से परहेज करना जरूरी है.

व्रत में जरूर करें फलाहार

गर्भावती महिलाएं अगर नवरात्रि में किसी एक दिन भी व्रत रखने का विचार कर रही हैं तो उन्हें इस दौरान फलाहार जरूर करना चाहिए. व्रत के दौरान महिलाएं हर दो घंटे में फ्रूट्स या जूस का सेवन कर सकती हैं. इसके अलावा नमकीन चीजों का भी सेवन किया जा सकता है.