योगिनी एकादशी व्रत 2022 की जानिए तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त, किन नियमों का करना होगा पालन करना होगा बहुत

साल में आने वाली सभी एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व और प्रभाव होता है. आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी की धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा जाने-अनजाने में किए गए सभी पापों से भी मुक्ति मिलती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल योगिनी एकादशी 24 जून को मनाई जाएगी.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल योगिनी एकादशी 24 जून को मनाई जाएगी.
  • आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है.

साल में आने वाली सभी एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व और प्रभाव होता है. आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी की धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा जाने-अनजाने में किए गए सभी पापों से भी मुक्ति मिलती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल योगिनी एकादशी 24 जून को मनाई जाएगी.

आइए जानते हैं योगिनी एकादशी व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त.

योगिनी एकादशी को करने वाले व्रत के नियम

अन्य सभी एकादशी की तरह योगिनी एकादशी व्रत-नियम की शुरुआत एक दिन पहले यानि दशमी से शुरू हो जाती है. योगिनी एकादशी व्रत के दौरान चाहकर भी तामसिक भोजन का सेवन नहीं किया जाता. क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने से व्रत भंग हो जाता है.

योगिनी एकादशी का व्रत करने वालों का इस दिन भूमि पर सोना अच्छा माना गया है. मान्यता है कि इस दिन जमीन पर सोने से व्रत का शुभ फल प्राप्त होता है.

इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य माना गया है. कहा जाता है कि इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन ना करने से व्रत करने का कोई लाभ नहीं मिलता है. ऐसे में इस दिन हर व्रती को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

योगिनी एकादशी के दिन किया गया दान हर प्रकार से कल्याणकारी बताया गया है. ऐसे में व्रती को चाहिए कि इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार जरुरतमंदों के बीच दान जरूर करें.

सुबह स्नान आदि से निवृत होकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. पूजन के बाद व्रत कथा का पाठ और भगवान विष्णु की आरती की जाती है. इसके अलावा इस दिन पीपल के पेड़ की भी पूजा होती है.

योगिनी एकादशी व्रत के दिन किसी के प्रति में द्वेष भावना नहीं लानी चाहिए. साथ ही इस दिन व्रत के दौरान किसी को अपशब्द नहीं कहना चाहिए.

द्वादशी तिथि को ब्राह्मण भोजन कराने के बाद योगिनी एकादशी व्रत का पारण किया जाता है. इसलिए प्रत्येक व्रती को इस बात का ध्यान रखना चाहिए.

क्या होगा शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार योगिनी एकादशी 24 जून को पड़ रही है. एकादशी तिथि की शुरुआत 23 जून को रात 9 बजकर 41 मिनट से हो रही है. जबकि एकादशी तिथि की समाप्ति 24 जून को रात 11 बजकर 12 मिनट पर हो रही है. इसके अलावा योगिनी एकादशी व्रत का पारण 25 जून को किया जाएगा. इस दिन पारण के लिए शुभ समय सुबह 5 बजकर 38 मिनट से 8 बजकर 22 मिनट तक है.