महाराष्ट्र और दिल्ली के मंत्रियों की कुर्सी आई खतरे में, बर्खास्त करने की मांग को लेकर SC में याचिका दाखिल

मनी लांड्रिंग केस में फंसे महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक और दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होने का नाम णहिन ले रहीं हैं। दरअसल, नवाब मलिक और सत्येंद्र जैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है। याचिका में दोनों नेताओं को बर्खास्त करने की मांग की गई है।

supreme court
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अश्विनी उपाध्याय ने महाराष्ट्र सरकार को अपने कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को बर्खास्त करने का निर्देश देने की मांग की है
  • नवाब मलिक और सत्येंद्र जैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है

मनी लांड्रिंग केस में फंसे महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक और दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होने का नाम णहिन ले रहीं हैं। दरअसल, नवाब मलिक और सत्येंद्र जैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई है। याचिका में दोनों नेताओं को बर्खास्त करने की मांग की गई है।

भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने ये पीआईएल दाखिल की है। उन्होंने कहा कि दोनों मंत्री जो विधायक भी हैं, वे शपथ लेते हैं कि न्यायिक हिरासत में दो दिन रहने के बाद उन्हें पद से अस्थायी रूप से वंचित कर दिया जाएगा। ऐसे में अदालत को उनकी बर्खास्तगी के निर्देश देने चाहिए। उन्होंने कहा कि दो दिन से अधिक दिन की हिरासत में रहने पर जज, आईएएस, आईपीएस और दूसरे सरकारी नौकर को अस्थायी रूप से पद से हटा दिया जाता है, दोनों मंत्री अपने पद पर बने हुए हैं।

महाराष्ट्र और दिल्ली दोनों ही सरकारों से मांग

अश्विनी उपाध्याय ने महाराष्ट्र सरकार को अपने कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को बर्खास्त करने का निर्देश देने की मांग की है। याचिका में कहा गया कि नवाब मलिक को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े काले धन, बेनामी संपत्तियों, मनी लान्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामलों की जांच जारी है।

उन्होंने अपनी याचिका में दिल्ली सरकार से मंत्री सत्येंद्र जैन को भी बर्खास्त करने की मांग की। जैन को 31 मई को गिरफ्तार किया गया था। जैन काला धन, बेनामी संपत्तियों, शेल कंपनियों, मनी लान्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं।