जानिए आने वाली चैत्र अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका विशेष महत्व

हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। हर साल 12 अमावस्या पड़ती है। माह में एक बार पड़ने आधार पर अमावस्या का नाम रखा जाता है। इसी तरह चैत्र मास में पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जाता है। चैत्र अमावस्या के दिन स्नान-दान के साथ पितरों का तर्पण करने का काफी अधिक महत्व है। इस दिन सूर्य के साथ पितृ पूजा करने से पितर भी संतुष्ट होते हैं। इस साल उदया तिथि के आधार पर चैत्र अमावस्या 01 अप्रैल को है। वहीं जानिए चैत्र अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

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हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। हर साल 12 अमावस्या पड़ती है। माह में एक बार पड़ने आधार पर अमावस्या का नाम रखा जाता है। इसी तरह चैत्र मास में पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जाता है। चैत्र अमावस्या के दिन स्नान-दान के साथ पितरों का तर्पण करने का काफी अधिक महत्व है। इस दिन सूर्य के साथ पितृ पूजा करने से पितर भी संतुष्ट होते हैं। इस साल उदया तिथि के आधार पर चैत्र अमावस्या 01 अप्रैल को है। वहीं जानिए चैत्र अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान, पितृदोष से निजात पाने के उपायों के साथ जरुरतमंदों को दान देने का विधान है। इस दिन पितरों की पूजा करने से वह अपने परिवार के ऊपर हमेशा कृपा बनाए रखते हैं।

चैत्र अमावस्या तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र अमावस्या इस साल 31 मार्च 2022, गुरुवार से शुरू हो रही है जो 1 अप्रैल दिन शुक्रवार को समाप्त होगी।

चैत्र अमावस्या का शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 31 मार्च को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू

अमावस्या तिथि का समापन- 01 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर समाप्त

उदया तिथि के आधार पर चैत्र अमावस्या 01 अप्रैल को है।

चैत्र अमावस्या का महत्व

इस अमावस्या का धार्मिक महत्व अधिक है। माना जाता है कि चैत्र अमावस्या के दिन पितरों को मोक्ष प्राप्ति के लिए पूजा करना शुभ है। इसके साथ ही अमावस्या के दिन कुछ ज्योतिष उपाय करते पितृदोष और कालसर्प दोष से छुटकारा भी पा सकते हैं। इस दिन पितरों को तर्पण देने से उन्हें शांति मिलती है और व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

स्नान-दान की परंपरा

इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इसके साथ ही स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों को दान देना शुभ होगा। अमावस्या के दिन अनाज, कपड़े, फल, खाने की सफेद चीजें, पानी के लिए मिट्टी का बर्तन और जूते या चप्पल दान करना चाहिए। इससे पितर भी प्रसन्न होते हैं।