मांगलिक कार्यों को करने के लिए ये दिन नहीं हैं शुभ, भुल से भी न करें ऐसा कुछ काम

सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक और शुभ कार्य को करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि में किए गए काम निर्विघ्न पूरा होता है. मांगलिक और शुभ कार्यों में गृह प्रेवेश, मुंडन, जनेऊ, शादी-विवाह शामिल हैं. कोई भी व्यक्ति गृह प्रवेश करने से पहले किसी अच्छे पंडित जी या ज्योतिषी से सही वार और तिथि की सलाह लेता है. माना जाता है कि अगर सही समय और शुभ दिन के हिसाब से गृह प्रवेश ना किए जाएं तो घर में रहने वालों की सेहत, धन और वैवाहिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. ऐसे में जानते हैं कि गृह प्रवेश के दिन किन बातों का ध्यान रखा जाता है.

pitra paksha
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक और शुभ कार्य को करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है.

सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक और शुभ कार्य को करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि में किए गए काम निर्विघ्न पूरा होता है. मांगलिक और शुभ कार्यों में गृह प्रेवेश, मुंडन, जनेऊ, शादी-विवाह शामिल हैं. कोई भी व्यक्ति गृह प्रवेश करने से पहले किसी अच्छे पंडित जी या ज्योतिषी से सही वार और तिथि की सलाह लेता है. माना जाता है कि अगर सही समय और शुभ दिन के हिसाब से गृह प्रवेश ना किए जाएं तो घर में रहने वालों की सेहत, धन और वैवाहिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. ऐसे में जानते हैं कि गृह प्रवेश के दिन किन बातों का ध्यान रखा जाता है.

इन दिनों में ना करें गृह प्रवेश

ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को करने के लिए दिन, तिथि और शुभ समय का ध्यान रखना जरूरी होता है. इसके साथ ग्रह-नक्षत्र का भी ध्यान रखा जाता है. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार, रविवार और शनिवार गृह प्रवेश के लिए शुभ नहीं माने गए हैं. जबकि पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि इस कार्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. यानी अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए. इसके अलावा आषाढ़, सावन, भाद्रपद, आश्विन और पौष माह गृह प्रवेश के लिए वर्जित हैं.

गृह प्रवेश के लिए शुभ मानी गई हैं ये तिथियां

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गृह प्रवेश के लिए माघ, फाल्गुन, वैशाख और ज्येष्ठ मास उत्तम है. वहीं अगर आप नए घर में प्रवेश करने जा रहे हैं तो इसके लिए किसी भी माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी तिथियों में गृह प्रवेश कर सकते हैं. गृह प्रवेश के लिए ये तिथियां उत्तम मानी गई हैं.