जानिए सही “वास्तु शास्त्र” को और बचे नुकसान से, घर का सामान सही में रखने से आएगी सकारात्मक ऊर्जा

हिन्दु धर्म ग्रंथों में वास्तु शास्त्र का अतिविशेष महत्व है। किसी भी नए काम की शुरूआत या भवन निर्माण वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर ही किया जाता है। क्योंकि इसका प्रयोगकरने से घर और काम दोनों में बरक्कत होती है। इसलिए लोग भवन निर्माण के वक्त पंडित से विचार करवाते हैं उसका मुख्य द्वार किधर हो, खिड़कियां किस दिशा में हो बेडरूम की दिशा रखी जाए आदि। ऐसे में आज हम आपको कुछ जरूरी बात बताने वाले हैं जिसकी वजह से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश करती हैं.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • हिन्दु धर्म ग्रंथों में वास्तु शास्त्र का अतिविशेष महत्व है
  • किसी भी नए काम की शुरूआत या भवन निर्माण वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर ही किया जाता है

हिन्दु धर्म ग्रंथों में वास्तु शास्त्र का अतिविशेष महत्व है। किसी भी नए काम की शुरूआत या भवन निर्माण वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर ही किया जाता है। क्योंकि इसका प्रयोगकरने से घर और काम दोनों में बरक्कत होती है। इसलिए लोग भवन निर्माण के वक्त पंडित से विचार करवाते हैं उसका मुख्य द्वार किधर हो, खिड़कियां किस दिशा में हो बेडरूम की दिशा रखी जाए आदि। ऐसे में आज हम आपको कुछ जरूरी बात बताने वाले हैं जिसकी वजह से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश करती हैं.

उत्तर दिशा में इन चीजों का रखें बिशेष ध्यान

-वहीं घर का टॉयलेट एरिया भी इस दिशा में होने से नकारात्मकता घर में प्रवेश करती है। अगर आपके घर का भी टॉयलेट ऐसे बना हुआ है तो उसे इस्तेमाल करना बंद कर दें।

-भारी सामान जैसे किताबों को भी उत्तर दिशा में नहीं रखना चाहिए क्योंकि वजन दार वस्तुएं धरती से निकलने वाली ऊर्जा को रोकने का काम करती हैं। इसलिए अपनी बुकशेल्फ को अभी से शिफ्ट कर लीजिए। फर्नीचर को भी घर की उत्तर दिशा में रखने से बचें.

-अगर आपने घर की उत्तर दिशा में किसी जीव का पंख रखा हुआ है तो उसे वहां से हटा दें क्योंकि कुछ दिन बाद वह सूख जाएगा जो की घर के वास्तु के लिए ठीक नहीं है.

-कूड़े के डिब्बे यानी डस्टबिन को उत्तर दिशा में नहीं रखना चाहिए। इससे निगेटिव एनर्जी घर में आती है जिससे घर के सदस्य बीमार रहने लगते हैं.

-घर की खिड़कियों को कभी भी उत्तर दिशा में नहीं बनवाना चाहिए। इससे भी घर की स्थिति प्रभावित होती है। जबकि मुख्य द्वार उत्तर और पूरब दिशा में होने से घर में शांति बनी रहती है और पश्चिम दिशा में होने से सौभाग्य में वृद्धि होती है.