जानिए कब से शुरू होंगे पंचक, इस समय में क्या करें और क्या नहीं

सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक काम को करने से पहले शुभ या अशुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। क्योंकि माना जाता है कि अशुभ समय में काम करने से व्यक्ति को सफलता नहीं प्राप्त होती है। इसी तरह हर माह 5 दिनों के लिए कुछ मांगलिक काम करने की मनाही होती है। इन 5 दिनों को पंचक नाम से जाना जाता है। इस बार पंचक 28 मार्च से लग रहे हैं। इस दिन सोमवार को पड़ने के कारण इसे राज पंचक के नाम से जाना जाएगा। जानिए पंचक के दौरान कौन से काम करने की है मनाही।

panchak 2022
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक काम को करने से पहले शुभ या अशुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है

सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक काम को करने से पहले शुभ या अशुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। क्योंकि माना जाता है कि अशुभ समय में काम करने से व्यक्ति को सफलता नहीं प्राप्त होती है। इसी तरह हर माह 5 दिनों के लिए कुछ मांगलिक काम करने की मनाही होती है। इन 5 दिनों को पंचक नाम से जाना जाता है। इस बार पंचक 28 मार्च से लग रहे हैं। इस दिन सोमवार को पड़ने के कारण इसे राज पंचक के नाम से जाना जाएगा। जानिए पंचक के दौरान कौन से काम करने की है मनाही।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, राज पंचक के दौरान सरकारी कामों और संपत्ति से जुड़े कामों में अपार सफलता प्राप्त होती है। इस दिनों में इससे संबंधित काम करना शुभ होता है।

कब से शुरू हो रहे हैं पंचक

28 मार्च 2022, सोमवार को रात 11 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर 2 अप्रैल 2022, शनिवार को सुबह 11 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

क्या है पंचक?

शास्त्रों के अनुसार, जब चंद्रमा रेवती, उत्तरा भाद्रपद, शतभिषा, पूर्वा या फिर धनिष्ठा में गोचर करता है तो पंचक की स्थिति बनती है। इसके अलावा जब चंद्रमा कुंभ या फिर मीन राशि में प्रवेश करता है तो पंचक आरंभ हो जाते हैं। पंचक की अवधि पांच दिनों की होती है।

पंचक के दौरान न करें ये काम

§ शास्त्रों के अनुसार, पंचक के दौरान चारपाई नहीं बनवाना चाहिए। क्योंकि पंचक के दौरान ये काम करने से किसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

§ पंचक के दौरान छत नहीं बनाना चाहिए। अगर पहले से ही बन रही है तो उसे बनने दें। माना जाता है कि पंचक के दौरान छत बनवाने से वहां रहने वाले व्यक्तियों के बीच किसी न किसी बात को लेकर क्लेश होता रहता है।

§ पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा के लिए नहीं जाना जाता है। क्योंकि यह दिशा पितरों की होती है। इसलिए इस दिशा की ओर यात्रा करना अशुभ माना जाता है।

§ पंचक के दौरान नवविवाहित दुल्हन को विदा करना अशुभ माना जाता है।

§ पंचक के दौरान लकड़ी नहीं काटनी चाहिए और न ही लकड़ी से संबंधित वस्तुएं खरीदनी चाहिए।