आज है फाल्गुन मास की अमावस्या, आइए जानतें है इस दिन का महत्व और शुभ मुहूर्त

हिन्दू धर्म में अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस साल फाल्गुन महीने की अमावस्या 02 मार्च यानी आज है। इस दिन नदियों में स्नान करने और दान करने की खास प्रथा है। मान्यता ऐसी है कि अगर कोई फाल्गुन अमावस्या में दान और पवित्र नदी में स्नान करता है तो उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।

phalguna amavasya 2022

हिन्दू धर्म में अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस साल फाल्गुन महीने की अमावस्या 02 मार्च यानी आज है। इस दिन नदियों में स्नान करने और दान करने की खास प्रथा है। मान्यता ऐसी है कि अगर कोई फाल्गुन अमावस्या में दान और पवित्र नदी में स्नान करता है तो उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ‘फाल्गुन अमावस्या’ इस बार शिव और सिद्ध योग में पड़ रही है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और भगवान श्री कृष्ण की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने का विधान है। फाल्गुन अमावस्या के अहमियत की बात करें तो ऐसा माना जाता है कि, इस दिन पवित्र नदियों में सभी देवी-देवता साक्षात प्रकट होते हैं। यही वजह है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के साथ दान-पुण्य का काम भी ज़रूर करना चाहिए।

तो आइए जानें फाल्गुन अमावस्या के मुहूर्त के बारे में

फाल्गुन अमावस्या: मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 01 मार्च दिन मंगलवार को देर रात 01:00 बजे से हो रही है। इस समय ‘महाशिवरात्रि’ खत्म होगी।

‘फाल्गुन अमावस्या’ तिथि 02 मार्च को रात 11 बजकर 04 मिनट तक मान्य है। तिथि के आधार पर ‘फाल्गुन अमावस्या’ 02 मार्च को है।

इस साल की ‘फाल्गुन अमावस्या’ शिव और सिद्ध योग में है। फाल्गुन अमावस्या के दिन शिव योग सुबह 08 बजकर 21 मिनट तक है। उसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा। यह 03 मार्च को सुबह 05 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।

‘फाल्गुन अमावस्या’ के दिन पितरों की आत्म-तृप्ति के लिए पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है, वह दिन में 11:30 बजे से दोपहर 02:30 बजे तक कर लेना चाहिए। अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण करने, श्राद्ध कर्म करने या पिंडदान करने से वे प्रसन्न होते हैं।

पितर खुश होकर संतान को खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं। उनकी कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। संतान सुख हासिल होता है।