फिनलैंड के खिलाफ रूस ने की कार्यवाही, नाटों में शामिल होने की चर्चाओं ने पकड़ा था जोर

फिनलैंड के नाटो में शामिल होने की चर्चाओं के बीच रूस ने बड़ी कार्रवाई की है। रूस ने फिनलैंड को दी जाने वाली प्राकृतिक गैस की सप्लाई रोक दी है। फिनिश ऊर्जा कंपनी गैसम के मुताबिक, फिनलैंड को प्राकृतिक गैस की रूसी आपूर्ति शनिवार को रोक दी गई थी। नार्डिक देश द्वारा रूबल में भुगतान करने से इनकार करने के बाद यह कदम उठाया गया। गैसम ने बताया कि बाल्टिक कनेक्टर पाइपलाइन के माध्यम से अब गैस की आपूर्ति की जाएगी, जो फिनलैंड को एस्टोनिया से जोड़ती है।फिनलैंड और स्वीडन ने किया था आवेदन
बता दें कि फिनलैंड और स्वीडन ने बुधवार को औपचारिक तौर पर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल होने के लिए गुजारिश की थी। इसके लिए दोनों देशों की ओर से पत्र दायर किया गया था। ब्रुसेल्स में NATO के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोल्टनबर्ग को फिनलैंड के राजदूत और स्वीडन के राजदूत ने यह पत्र सौंपा। स्टोल्टनबर्ग ने इसका पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और कहा हमारी सुरक्षा के लिए यह अच्छा दिन है। आज फिनलैंड और स्वीडन ने पत्र सौंपा है जिसमें NATO की सदस्यता देने की गुजारिश की गई है। हालांकि, तुर्की ने स्वीडन और फिनलैंड के NATO में शामिल किए जाने के आग्रह का विरोध किया है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दी थी चेतावनी
इससे पहले, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि फिनलैंड का नाटो में शामिल होने का फैसला गलत है और इससे रूस के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों में नुकसान होगा। साथ ही रूस ने फिनलैंड के इस फैसले को अपनी सुरक्षा के लिए के लिए खतरनाक बताया था।
नाटो का किया जा रहा विस्तार
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन जंग से पैदा हुए हालात को देखतेहुए नार्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन (NATO) की सदस्‍यता का विस्तार किया जा रहा है। फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन और प्रेसिडेंट सौली नीनिस्टो पहले ही निश्चित कर चुके हैं कि उनका देश NATO सदस्‍यता के लिए पूरी तरह से तैयार है।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दी थी चेतावनी

फिनलैंड के नाटो में शामिल होने की चर्चाओं के बीच रूस ने बड़ी कार्रवाई की है। रूस ने फिनलैंड को दी जाने वाली प्राकृतिक गैस की सप्लाई रोक दी है। फिनिश ऊर्जा कंपनी गैसम के मुताबिक, फिनलैंड को प्राकृतिक गैस की रूसी आपूर्ति शनिवार को रोक दी गई थी। नार्डिक देश द्वारा रूबल में भुगतान करने से इनकार करने के बाद यह कदम उठाया गया। गैसम ने बताया कि बाल्टिक कनेक्टर पाइपलाइन के माध्यम से अब गैस की आपूर्ति की जाएगी, जो फिनलैंड को एस्टोनिया से जोड़ती है।फिनलैंड और स्वीडन ने किया था आवेदन
बता दें कि फिनलैंड और स्वीडन ने बुधवार को औपचारिक तौर पर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल होने के लिए गुजारिश की थी। इसके लिए दोनों देशों की ओर से पत्र दायर किया गया था। ब्रुसेल्स में NATO के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोल्टनबर्ग को फिनलैंड के राजदूत और स्वीडन के राजदूत ने यह पत्र सौंपा। स्टोल्टनबर्ग ने इसका पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और कहा हमारी सुरक्षा के लिए यह अच्छा दिन है। आज फिनलैंड और स्वीडन ने पत्र सौंपा है जिसमें NATO की सदस्यता देने की गुजारिश की गई है। हालांकि, तुर्की ने स्वीडन और फिनलैंड के NATO में शामिल किए जाने के आग्रह का विरोध किया है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दी थी चेतावनी
इससे पहले, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि फिनलैंड का नाटो में शामिल होने का फैसला गलत है और इससे रूस के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों में नुकसान होगा। साथ ही रूस ने फिनलैंड के इस फैसले को अपनी सुरक्षा के लिए के लिए खतरनाक बताया था।
नाटो का किया जा रहा विस्तार
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन जंग से पैदा हुए हालात को देखतेहुए नार्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन (NATO) की सदस्‍यता का विस्तार किया जा रहा है। फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन और प्रेसिडेंट सौली नीनिस्टो पहले ही निश्चित कर चुके हैं कि उनका देश NATO सदस्‍यता के लिए पूरी तरह से तैयार है।