बाढ़ ने असम के 4 जिलों मचाई तबाही, लाखों लोग का जन जीवन हुआ प्रभावित

असम में बाढ़ का कहर जारी है। शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला, लेकिन नगांव, होजई, कछार और दरांग जिलों में स्थिति अभी भी गंभीर हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 29 जिलों में करीब 7.12 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
अकेले नगांव जिले में 3.36 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि कछार जिले में 1.66 लाख, होजई में 1.11 लाख और दरांग जिले में 52,709 लोग प्रभावित हुए हैं।
असम के दीमा हसाओ जिले का खूबसूरत शहर हाफलोंग राज्य में जारी बाढ़ के कारण तबाह हो गया है। पिछले छह दिनों से राज्य में हो रही भारी बारिश के कारण शहर को इस तरह के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
इस जिले में घरों की दीवारें भी टूट चुकी हैं। अनियंत्रित पानी ने यातायात को रोक दिया है और लोगों के लिए अपने घरों में रहना लगभग असंभव हो गया है।
इससे पहले शनिवार को हाफलोंग में भूस्खलन से एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी।
एक महिला ने शुक्रवार को एएनआई को बताया 'हम छह दिनों से बाढ़ देख रहे हैं और आंखों के ठीक सामने घर को क्षतिग्रस्त होते देखा है। शहर में पीने के पानी, स्कूल और सड़क सहित सब कुछ नष्ट हो गया है। हम भोजन और पानी से भी वंचित हैं।'
अबतक 14 लोगों की मौत
कछार, लखीमपुर और नगांव जिलों में शुक्रवार को बाढ़ के पानी में डूबने से दो बच्चों सहित चार लोगों की मौत हो गई और बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार, 80036.90 हेक्टेयर फसल भूमि और 2,251 गांव अभी भी पानी के भीतर हैं। जिला प्रशासन द्वारा स्थापित 234 राहत शिविरों में वर्तमान में कुल 74705 बाढ़ प्रभावित लोग रह रहे हैं।
कई इलाकों में भूस्खलन
भारी बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन भी हुआ है। न्यू कुंजंग, फियांगपुई, मौलहोई, नामजुरंग, दक्षिण बगेतार, महादेव टीला, कालीबाड़ी, उत्तरी बगेतर, सिय्योन और लोदी पंगमौल गांवों से भूस्खलन की सूचना मिली है। भूस्खलन के कारण जतिंगा-हरंगाजाओ और माहूर-फिडिंग में रेलवे लाइन ब्लाक हो गई है।
अर्धसैनिक बल, एसडीआरएफ तैनात
इस बीच, शुक्रवार को, भारतीय वायु सेना ने क्षेत्र में फंसे लोगों (बाढ़ और भूस्खलन के कारण) को निकालने में मदद करने के लिए हाफलोंग के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) कर्मियों को तैनात करने के लिए अपने चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर तैनात किए। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, अर्धसैनिक बलों, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं, एसडीआरएफ, नागरिक प्रशासन और प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को तैनात किया है। कछार जिला प्रशासन और असम राइफल्स के बीच एक संयुक्त उद्यम ने बाराखला इलाके में बाढ़ पीड़ितों को बचाया और उन्हें राहत शिविरों में भेजा गया है।
कई हेक्टेयर फसल भूमि हुए बर्बाद
रिपोर्ट के अनुसार, 80,036.90 हेक्टेयर फसल भूमि और 2,251 गांव अभी भी पानी के नीचे हैं और कुल 74,705 बाढ़ प्रभावित लोग वर्तमान में जिला प्रशासन द्वारा स्थापित 234 राहत शिविरों में रह रहे हैं।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • अकेले नगांव जिले में 3.36 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं
  • इस जिले में घरों की दीवारें भी टूट चुकी हैं।

असम में बाढ़ का कहर जारी है। शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला, लेकिन नगांव, होजई, कछार और दरांग जिलों में स्थिति अभी भी गंभीर हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 29 जिलों में करीब 7.12 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
अकेले नगांव जिले में 3.36 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि कछार जिले में 1.66 लाख, होजई में 1.11 लाख और दरांग जिले में 52,709 लोग प्रभावित हुए हैं।
असम के दीमा हसाओ जिले का खूबसूरत शहर हाफलोंग राज्य में जारी बाढ़ के कारण तबाह हो गया है। पिछले छह दिनों से राज्य में हो रही भारी बारिश के कारण शहर को इस तरह के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
इस जिले में घरों की दीवारें भी टूट चुकी हैं। अनियंत्रित पानी ने यातायात को रोक दिया है और लोगों के लिए अपने घरों में रहना लगभग असंभव हो गया है।
इससे पहले शनिवार को हाफलोंग में भूस्खलन से एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी।
एक महिला ने शुक्रवार को एएनआई को बताया 'हम छह दिनों से बाढ़ देख रहे हैं और आंखों के ठीक सामने घर को क्षतिग्रस्त होते देखा है। शहर में पीने के पानी, स्कूल और सड़क सहित सब कुछ नष्ट हो गया है। हम भोजन और पानी से भी वंचित हैं।'
अबतक 14 लोगों की मौत
कछार, लखीमपुर और नगांव जिलों में शुक्रवार को बाढ़ के पानी में डूबने से दो बच्चों सहित चार लोगों की मौत हो गई और बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार, 80036.90 हेक्टेयर फसल भूमि और 2,251 गांव अभी भी पानी के भीतर हैं। जिला प्रशासन द्वारा स्थापित 234 राहत शिविरों में वर्तमान में कुल 74705 बाढ़ प्रभावित लोग रह रहे हैं।
कई इलाकों में भूस्खलन
भारी बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन भी हुआ है। न्यू कुंजंग, फियांगपुई, मौलहोई, नामजुरंग, दक्षिण बगेतार, महादेव टीला, कालीबाड़ी, उत्तरी बगेतर, सिय्योन और लोदी पंगमौल गांवों से भूस्खलन की सूचना मिली है। भूस्खलन के कारण जतिंगा-हरंगाजाओ और माहूर-फिडिंग में रेलवे लाइन ब्लाक हो गई है।
अर्धसैनिक बल, एसडीआरएफ तैनात
इस बीच, शुक्रवार को, भारतीय वायु सेना ने क्षेत्र में फंसे लोगों (बाढ़ और भूस्खलन के कारण) को निकालने में मदद करने के लिए हाफलोंग के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) कर्मियों को तैनात करने के लिए अपने चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर तैनात किए। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, अर्धसैनिक बलों, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं, एसडीआरएफ, नागरिक प्रशासन और प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को तैनात किया है। कछार जिला प्रशासन और असम राइफल्स के बीच एक संयुक्त उद्यम ने बाराखला इलाके में बाढ़ पीड़ितों को बचाया और उन्हें राहत शिविरों में भेजा गया है।
कई हेक्टेयर फसल भूमि हुए बर्बाद
रिपोर्ट के अनुसार, 80,036.90 हेक्टेयर फसल भूमि और 2,251 गांव अभी भी पानी के नीचे हैं और कुल 74,705 बाढ़ प्रभावित लोग वर्तमान में जिला प्रशासन द्वारा स्थापित 234 राहत शिविरों में रह रहे हैं।