SCO शिखर सम्मेलन 2024: 'भरोसा नहीं तो कुछ नहीं', जयशंकर ने पाकिस्तान को उसी की ज़मीन पर दिया कड़ा संदेश; तीन दुश्मनों का किया उल्लेख

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद पर कड़ा संदेश दिया। पाकिस्तान का नाम लिए बिना, जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर उसे स्पष्ट रूप से निशाने पर लिया और कहा कि बेहतर रिश्तों के लिए भरोसा बेहद जरूरी है। "अगर भरोसा नहीं तो कुछ नहीं," जयशंकर ने पाकिस्तान की धरती पर कहा। मंगलवार को वह इस्लामाबाद पहुंचे थे।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • बैठक से पहले पीएम शहबाज से मिले विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद पर कड़ा संदेश दिया। पाकिस्तान का नाम लिए बिना, जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर उसे स्पष्ट रूप से निशाने पर लिया और कहा कि बेहतर रिश्तों के लिए भरोसा बेहद जरूरी है। "अगर भरोसा नहीं तो कुछ नहीं," जयशंकर ने पाकिस्तान की धरती पर कहा। मंगलवार को वह इस्लामाबाद पहुंचे थे।


अपने संबोधन में जयशंकर ने सभी देशों को चेताया कि उन्हें आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद से बचने की जरूरत है। उन्होंने चीन को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि एससीओ के सदस्य देशों के बीच सहयोग परस्पर सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए।


जयशंकर ने बिना नाम लिए CPEC (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हम चुनिंदा प्रथाओं, खासकर व्यापार और व्यापारिक मार्गों के लिए, को ही आगे बढ़ाएंगे तो एससीओ की प्रगति नहीं हो सकेगी। 


उन्होंने यह भी कहा कि एससीओ का प्राथमिक उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद का मुकाबला करना है। सदस्य देशों को इन तीन "दुश्मनों" से लड़ने के लिए ईमानदार बातचीत, आपसी विश्वास, अच्छे पड़ोसी संबंध और एससीओ चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता जरूरी है।


बैठक से पहले, जयशंकर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार से मुलाकात की। एससीओ बैठक के दौरान व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर चर्चा हुई और दोपहर में लंच के बाद जयशंकर शाम 4 बजे भारत के लिए रवाना हो गए।