शिंदे गुट को मिली सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, वहीँ उद्धव गुट को भी नही मिली निराशा

महाराष्ट्र का सियासी संकट गहराता ही जा रहा है. मामले की सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना बागियों को राहत दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता नोटिस का जवाब देने के लिए दिया 14 दिन का वक्त दिया है. सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर पांच दिन में जवाब मांगा है. कोर्ट अब इस मामले में 11 जुलाई को सुनवाई करेगा.
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर, अजय चौधरी, सुनील प्रभु व केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है.

स्टोरी हाइलाइट्स
  • विधानसभा सचिव को भी नोटिस जारी किया गया है.

महाराष्ट्र का सियासी संकट गहराता ही जा रहा है. मामले की सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना बागियों को राहत दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता नोटिस का जवाब देने के लिए दिया 14 दिन का वक्त दिया है. सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर पांच दिन में जवाब मांगा है. कोर्ट अब इस मामले में 11 जुलाई को सुनवाई करेगा.
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर, अजय चौधरी, सुनील प्रभु व केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है.

विधानसभा सचिव को भी नोटिस जारी किया गया है. पांच दिन में नोटिस का जवाब देने को कहा गया है.कोर्ट ने सभी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने और यथा स्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैसले तक कोई फ्लोर टेस्ट नहीं किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्यों ना अयोग्यता के मामले को तब तक रोक दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर से पूछा,”आप कहेंगे या हम कहें.”
महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच शिंदे गुट की अर्जियों पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई. दो जजों की बेंच ने सुनवाई की. शिंदे गुट की ओर से नीरज किशन कौल ने बहस किया. जस्टिस सूर्यकांत ने शिंदे गुट से पूछा, आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए. कौल ने कहा कि हमारे पास 39 विधायक है. सरकार अल्पमत में है. हमे धमकी दी जा रही है . हमारी संपत्ति जलाई जा रही है. बॉम्बे कोर्ट में सुनवाई के लिए माहौल नहीं है. हमें नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कह रहे हैं कि आपको अपनी जान की चिंता है. दूसरा आप कह रहे हैं कि स्पीकर ने आपको पर्याप्त समय नहीं दिया है. कौल ने कहा कि इस मामले में डिप्टी स्पीकर बेवजह जल्दबाजी में हैं. उन्होंने अयोग्यता पर जवाब दाखिल करने के लिए 11 जुलाई तक का समय बढ़ाया.