वायनाड भूस्खलन: रेस्क्यू में जुटी सेना ने दिखाई बहादुरी, उफनती नदी पर बना रही है लोहे का पुल

वायनाड में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद भारतीय सेना ने राहत और बचाव कार्य में पूरी ताकत झोंक दी है। सेना के जवान प्रभावित इलाकों में मानव पुल और अस्थायी पुल का निर्माण कर लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहे हैं। मुंडक्कई में सेना रस्सियों और सीढ़ियों का उपयोग कर लोहे के पुल का निर्माण कर रही है।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • भूस्खलन के कारण तबाही

वायनाड में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद भारतीय सेना ने राहत और बचाव कार्य में पूरी ताकत झोंक दी है। सेना के जवान प्रभावित इलाकों में मानव पुल और अस्थायी पुल का निर्माण कर लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहे हैं। मुंडक्कई में सेना रस्सियों और सीढ़ियों का उपयोग कर लोहे के पुल का निर्माण कर रही है।


भूस्खलन के कारण तबाही

केरल के वायनाड में मंगलवार तड़के हुए भूस्खलन ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली और कई घर नदियों के तेज बहाव में बह गए। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। सेना, एनडीआरएफ, और पुलिस बल मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं। भारी बारिश के बावजूद बचाव कार्य में लगे जवानों का हौसला बुलंद है। वे उफनती नदियों को पार कर फंसे हुए लोगों तक पहुंच रहे हैं।


सेना द्वारा पुल निर्माण

मुंडक्कई में सेना के इंजीनियर्स रस्सियों और सीढ़ियों का उपयोग करके 190 फुट (58 मीटर) लंबा लोहे का पुल बना रहे हैं। यह पुल 24 टन भार क्षमता का होगा और इसे गुरुवार शाम तक पूरा करने की योजना है। यह पुल राहत और बचाव कार्य में महत्वपूर्ण साबित होगा। सेना के अधिकारी वी.टी. मैथ्यू ने बताया कि इस पुल के बनने से लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद मिलेगी।


मानव पुल और बचाव कार्य

कई जगहों पर सेना ने अस्थायी पुल बनाकर बुजुर्ग पुरुषों और महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। बचाव कार्य के दौरान लोगों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा ताकि बाढ़ के पानी के तेज बहाव में बह न जाएं। सेना ने मानव पुल बनाए और रस्सियों के सहारे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।


पीड़ितों की पीड़ा

मलबे के नीचे फंसे लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरें इस प्राकृतिक आपदा की भयावहता को बयां कर रहे हैं। एक व्यक्ति मुंडक्कई गांव में बाढ़ के पानी में एक विशाल चट्टान से चिपककर जीवन की जद्दोजहद करता दिखा। स्थानीय लोग उसकी मदद करने में असमर्थ थे और उसे बचाने की गुहार लगा रहे थे।


भूस्खलन और बाढ़ की इस त्रासदी में सेना और बचाव दलों का बहादुरी भरा प्रयास लोगों को राहत देने की कोशिश कर रहा है।