क्या आपके भी फंसे हैं एटीम मशीन में पैसे, तुरंत पढ़े ये खबर और करें ये काम

आज के समय में ज्यादातर लोग कैशलेस रहना पसंद करते हैं और कोरोना के बाद से UPI जैसे भुगतान प्रक्रियाओं का चलन बढ़ा है, लेकिन फिर भी कभी न कभी नकद की जरूरत पड़ ही जाती है। ऐसे में सबसे आसान उपाय है ATM से पैसे निकालना। जरूरत पड़ने पर बहुत-से लोग नकदी निकालने के लिए एटीएम पर निर्भर रहते हैं और यह नकद प्राप्त करने का आसान तरीका है।

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आज के समय में ज्यादातर लोग कैशलेस रहना पसंद करते हैं और कोरोना के बाद से UPI जैसे भुगतान प्रक्रियाओं का चलन बढ़ा है, लेकिन फिर भी कभी न कभी नकद की जरूरत पड़ ही जाती है। ऐसे में सबसे आसान उपाय है ATM से पैसे निकालना। जरूरत पड़ने पर बहुत-से लोग नकदी निकालने के लिए एटीएम पर निर्भर रहते हैं और यह नकद प्राप्त करने का आसान तरीका है।

कई बार ऐसा भी होता है कि ट्रांजेक्शन करने पर भी ATM से पैसे नहीं निकलते हैं। इसमें कोई चिंता की बात नहीं है क्योंकि कई बार यह तकनीकी खराबी की वजह से होता है। पर चिंता की बात तब होती है जब एटीएम आपके लेन-देन को अस्वीकार कर देता है, फिर भी आपको एक एसएमएस प्राप्त होता है कि आपके खाते से राशि काट ली गई है। यह एक गंभीर स्थिति है और ज्यादा चिंता तब होती है जब निकाली गई राशि ज्यादा हो। ऐसी स्थिति में नीचे बताए गए टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं।

आखिर ऐसा होता क्यों हैं?

ऐसी स्थिति मुख्य रूप से दो कारणों से आती है, जब आपके अकाउंट से पैसे काट लिए जाते हैं, पर ATM से नकद प्राप्त नहीं होता है।

- सबसे पहली स्थिति है तकनीकी खराबी। इसमें एटीएम दोषपूर्ण हो सकता है और आमतौर पर सामान्य प्रक्रिया के तहत बैंक नियमित अंतराल पर अपनी मशीनों की जांच करके इसे ठीक कर दिया जाता है। साथ ही अगर पैसे कट गए हैं तो यह आपके खाते में खुद ही जमा हो जाते हैं।

दूसरी स्थिति में धोखाधड़ी के कारण ऐसा हो सकता है, जिसमें जालशाज ATM में छेड़छाड़ करके इसका इस्तेमाल आपके कार्ड को 'क्लोन' करने के लिए करते हैं और बाद में आपके खाते से पैसा निकाला जा सकता है। दोनों ही स्थित में अगर आपके अकाउंट से पैसे कटे हैं तो कुछ जरूरी स्टेप्स करने चाहिए।

तुरंत करें कस्टमर केयर से बात

ऐसी स्थिति में सबसे पहले पहले बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क करें। इसके लिए बैंक की 24 घंटे की ग्राहक सेवा हेल्पलाइन पर कॉल करना होता है। ऐसा करने से आपकी समस्या को नोट किया जाएगा और आपकी लेन-देन संदर्भ संख्या रिकॉर्ड करने के बाद, कार्यकारी आपकी शिकायत दर्ज करेगा और आपको एक शिकायत ट्रैकिंग नंबर जारी करेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, इस स्थिति में सात कार्य दिवसों के भीतर ग्राहक के खाते में जमा की जानी चाहिए।

अपने बैंक में दर्ज करें शिकायत

अगर आपको समझ नहीं आ रहा कि कस्टमर केयर से कैसे बात करें तो आप बैंक शाखा भी जा सकते हैं। हेल्पडेस्क पर शिकायत जारी करने के लिए निकटतम शाखा में जाना चाहिए, जहां आपको एक शिकायत ट्रैकिंग नंबर दिया जाएगा। अगर आपकी शिकायत का समाधान नहीं हो रहा है, तो उस शाखा के प्रबंधक से बात करें जहांआपका खाता है। आप बैंक की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं और शिकायत कक्ष में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

NCDRC होगा आखिरी रास्ता

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत स्थापित, NCDRC ग्राहकों की शिकायतों को हल करने के लिए एक अर्ध-न्यायिक निकाय है और यह आपकी ओर से कदम उठाएगा। इसके अलावा, कानूनी रास्तों को भी अपनाया जा सकता है। यदि आपके मामले में एक या अधिक महीने तक कोई प्रगति नहीं होती है, तो आप अपनी ओर से कार्रवाई करने के लिए कानूनी परामर्शदाता को नियुक्त कर सकते है