बजट में किसानों को बड़ी सौगात धन-धान्य योजना का विस्तार, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया। यह उनके कार्यकाल का लगातार आठवां बजट है। अपने भाषण में उन्होंने किसानों के लिए कई अहम घोषणाएँ कीं। खासतौर पर, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ऋण सीमा को **3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये** कर दिया गया है। इससे देश के करोड़ों किसानों, मछुआरों और डेयरी उद्यमियों को अल्पकालिक ऋण की सुविधा मिलेगी।  

nrimala sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया। यह उनके कार्यकाल का लगातार आठवां बजट है। अपने भाषण में उन्होंने किसानों के लिए कई अहम घोषणाएँ कीं। खासतौर पर, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ऋण सीमा को **3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये** कर दिया गया है। इससे देश के करोड़ों किसानों, मछुआरों और डेयरी उद्यमियों को अल्पकालिक ऋण की सुविधा मिलेगी।  

किसानों को मिलेगा फायदा 

वित्त मंत्री ने बताया कि **किसान क्रेडिट कार्ड योजना** के तहत करीब **7.7 करोड़ किसानों** को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, **संशोधित ब्याज अनुदान योजना** के तहत ऋण सीमा में वृद्धि की गई है, जिससे किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा।  

लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा  

सरकार ने **सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME)** को प्रोत्साहित करने के लिए **क्रेडिट गारंटी कवर** को **5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये** कर दिया है। इससे अगले **पाँच वर्षों में 1.5 लाख करोड़ रुपये** का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध होगा। **स्टार्टअप** के लिए भी यह सीमा **10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये** कर दी गई है। सरकार **27 प्राथमिक क्षेत्रों** में ऋण गारंटी शुल्क को **1% तक कम** कर रही है, जिससे **आत्मनिर्भर भारत** अभियान को मजबूती मिलेगी।  

प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना का विस्तार  

वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि **प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना** को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके तहत **फसल विविधीकरण (क्रॉप डायवर्सिफिकेशन)** को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे कृषि उत्पादकता में सुधार होगा। इस योजना से **7.5 करोड़ किसानों** को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।  

इस बजट में सरकार ने कृषि, MSME और निर्यात को देश की **आर्थिक विकास के चार प्रमुख इंजन** बताया और इन क्षेत्रों में निवेश को प्राथमिकता देने की बात कही।