बैंक एफडी करने वालों के लिए खुशखबरी! RBI के इस फैसले के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलेगा ज्यादा ब्याज

अगर आप बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) के माध्यम से निवेश करते हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है। जल्द ही आपको एफडी पर अधिक ब्याज दरों का लाभ मिल सकता है। दरअसल, रिजर्व बैंक (RBI) ने शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों और स्मॉल फाइनेंस बैंकों के लिए '3 करोड़ या उससे अधिक की सिंगल रुपी फिक्स्ड डिपॉजिट' को थोक डिपॉजिट की परिभाषा में शामिल करने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि आखिरी बार बल्क डिपॉजिट की सीमा को 2019 में 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ किया गया था।

fixed deposit

अगर आप बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) के माध्यम से निवेश करते हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है। जल्द ही आपको एफडी पर अधिक ब्याज दरों का लाभ मिल सकता है। दरअसल, रिजर्व बैंक (RBI) ने शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों और स्मॉल फाइनेंस बैंकों के लिए '3 करोड़ या उससे अधिक की सिंगल रुपी फिक्स्ड डिपॉजिट' को थोक डिपॉजिट की परिभाषा में शामिल करने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि आखिरी बार बल्क डिपॉजिट की सीमा को 2019 में 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ किया गया था।

कैसे मिलेगा ज्यादा ब्याज?

आरबीआई के नए प्रस्ताव के अनुसार, अब 3 करोड़ रुपये और उससे अधिक की बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट को बल्क डिपॉजिट माना जाएगा। वर्तमान में 2 करोड़ रुपये और उससे अधिक की बैंक एफडी को बल्क एफडी माना जाता है। इसका नुकसान यह है कि रिटेल एफडी की तुलना में बल्क एफडी पर कम ब्याज दर मिलती है। थोक जमा की सीमा बढ़ने के बाद एफडी निवेशक अधिक पैसों की एफडी करके ज्यादा ब्याज कमा सकते हैं।

ब्याज दर कैसे तय होती है?

ब्याज दर तय करना पूरी तरह बैंकों पर निर्भर करता है। इसलिए विभिन्न बैंकों में एफडी पर ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं। यह दरें फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि और निवेशक की उम्र पर निर्भर करती हैं। बैंक आमतौर पर अपनी जरूरत और एसेट-लायबिलिटी मैनेजमेंट (ALM) के अनुसार डिपॉजिट पर अलग-अलग ब्याज दरें ऑफर करते हैं।

बैंक एफडी के फायदे

- फिक्स्ड डिपॉजिट में आपके पैसे पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं।

- इसमें रिटर्न पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता।

- एफडी पर ब्याज दर सामान्य बचत खातों की तुलना में अधिक होती है।

- एफडी पर आपको कर्ज (Loan) लेने की सुविधा भी मिलती है।