छोटे कर्ज प्रदान करने वाली माइक्रो फाइनेंस कंपनियां गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं

आगामी बजट में माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI) को लेकर खास घोषणा होने की पूरी संभावना है। यह संकेत इस बात से मिलता है कि जब विभिन्न उद्योगों के साथ बजट पर चर्चा खत्म हो चुकी थी, तब भी वित्त मंत्रालय ने MFI के साथ अलग से बैठक की। उम्मीद की जा रही है कि सरकार छोटे और मध्यम स्तर के MFI को सहारा देने के लिए एक विशेष फंड की स्थापना का ऐलान कर सकती है। इस फंड का मकसद इन संस्थाओं को मजबूती देना और समाज के कमजोर वर्गों तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाना होगा। 

budget 2025

आगामी बजट में माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI) को लेकर खास घोषणा होने की पूरी संभावना है। यह संकेत इस बात से मिलता है कि जब विभिन्न उद्योगों के साथ बजट पर चर्चा खत्म हो चुकी थी, तब भी वित्त मंत्रालय ने MFI के साथ अलग से बैठक की। उम्मीद की जा रही है कि सरकार छोटे और मध्यम स्तर के MFI को सहारा देने के लिए एक विशेष फंड की स्थापना का ऐलान कर सकती है। इस फंड का मकसद इन संस्थाओं को मजबूती देना और समाज के कमजोर वर्गों तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाना होगा। 

सरकार का मानना है कि कमजोर और जरूरतमंद वर्गों को आर्थिक मदद देने में MFI की अहम भूमिका है। हालांकि, हाल ही में आरबीआई की एक रिपोर्ट ने इस क्षेत्र की चिंताजनक स्थिति को उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2024 की तुलना में सितंबर 2024 में MFI से दिए गए कर्ज की वसूली में समस्याएं दोगुनी हो गई हैं। यह स्थिति बताती है कि MFI से कर्ज लेने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गई है। 

MFI किसे कर्ज देते हैं?  

MFI उन व्यक्तियों को कर्ज उपलब्ध कराते हैं, जिन्हें बैंकों और एनबीएफसी से कर्ज लेना मुश्किल होता है। ये कर्ज की राशि कम होती है लेकिन ब्याज दरें अधिक होती हैं, जो 22% से 30% के बीच होती हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में MFI के माध्यम से वितरित कर्ज में 24.5% की वृद्धि दर्ज की गई, और यह राशि 4.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में कर्ज वितरण की वृद्धि दर केवल 4% रहने का अनुमान है, जो इस क्षेत्र पर बढ़ते दबाव को दर्शाता है। 

कर्ज की धीमी वृद्धि और समस्याएं  

कर्ज वितरण में कमी के पीछे कई वजहें हैं। इनमें आरबीआई के नए नियम भी शामिल हैं, जो यह तय करते हैं कि एक व्यक्ति कितने MFI से कर्ज ले सकता है। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, MFI खातों में कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है। पिछले चार वर्षों में चार या अधिक MFI से कर्ज लेने वाले ग्राहकों की हिस्सेदारी 3.6% से बढ़कर 5.8% हो गई है। 

MFI को बजट से क्या उम्मीदें हैं?  

MFI के लिए बजट में कई राहतों की उम्मीद की जा रही है। एक प्रमुख मांग है कि कर्ज लेने वालों की वार्षिक आय सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जाए। इस मांग को लेकर वित्त मंत्रालय को ज्ञापन भी सौंपा गया है। 

सरकार से सकारात्मक कदम की उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि MFI न केवल ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ाने में मदद करती हैं, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करती हैं। वित्त मंत्री से इस क्षेत्र को मजबूती देने के लिए स्पष्ट और ठोस फैसले की अपेक्षा की जा रही है।