
भारत में प्लास्टिक बैग और मल्टीलेयर पैकेजिंग को लेकर नए नियम लागू होने वाले हैं,एक जुलाई से इन नियमों के तहत कुछ जरूरी जानकारियां प्रदान करना अनिवार्य होगा
भारत में प्लास्टिक कैरी बैग और पैकेजिंग बनाने वाले सभी निर्माता और ब्रांड मालिकों को 1 जुलाई से अपनी पैकेजिंग पर बारकोड के माध्यम से प्लास्टिक की मोटाई और निर्माता का नाम सहित सभी विवरण देना अनिवार्य होगा। पर्यावरण मंत्रालय ने इस हफ्ते जो नए नियम अधिसूचित किए हैं, वे प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 के तहत लागू होंगे। इनसे 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्रतिबंधित कैरी बैग की सख्त निगरानी करना संभव होगा। ये नियम देश में पर्यावरण के अनुकूल प्लास्टिक प्रबंधन के लिए एक ठोस कानूनी ढांचा प्रदान करते हैं।

भारत में प्लास्टिक कैरी बैग और पैकेजिंग बनाने वाले सभी निर्माता और ब्रांड मालिकों को 1 जुलाई से अपनी पैकेजिंग पर बारकोड के माध्यम से प्लास्टिक की मोटाई और निर्माता का नाम सहित सभी विवरण देना अनिवार्य होगा। पर्यावरण मंत्रालय ने इस हफ्ते जो नए नियम अधिसूचित किए हैं, वे प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 के तहत लागू होंगे। इनसे 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्रतिबंधित कैरी बैग की सख्त निगरानी करना संभव होगा। ये नियम देश में पर्यावरण के अनुकूल प्लास्टिक प्रबंधन के लिए एक ठोस कानूनी ढांचा प्रदान करते हैं।
प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध
2021 में संशोधित नियमों के तहत, 1 जुलाई 2022 से उन सिंगल-यूज प्लास्टिक वस्तुओं पर रोक लगा दी गई थी, जिनका इस्तेमाल कम और कचरा फैलाने की क्षमता ज्यादा होती है। इसके साथ ही 31 दिसंबर 2022 से 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर भी प्रतिबंध लागू किया गया।
बारकोड नियमों का पालन न करने पर सजा
नए बारकोड नियमों के तहत जानकारी न देने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत, नियमों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक की जेल या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
यदि उल्लंघन जारी रहता है, तो हर दिन के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा, जो 5,000 रुपये तक हो सकता है। यह प्रावधान पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने और प्लास्टिक कचरे की समस्या को कम करने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं।
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