
नए प्रत्यक्ष कर संहिता 2025 में क्या खास होगा, सरकार किन सुधारों पर देगी जोर
नई प्रत्यक्ष कर संहिता: पारदर्शिता और तकनीक पर आधारित होगा नया कर ढांचा

नई प्रत्यक्ष कर संहिता: पारदर्शिता और तकनीक पर आधारित होगा नया कर ढांचा
प्रत्यक्ष कर की नई संहिता (New Direct Tax Code 2025) को लेकर सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल का कहना है कि यह तकनीक और पारदर्शिता पर आधारित होगी। यह एक डेटा-ड्रिवन नीति होगी, जो करदाताओं के लिए अधिक अनुकूल साबित होगी। इसके प्रावधानों को सरल भाषा में तैयार किया जा रहा है, जिससे इसे समझना और लागू करना आसान होगा।**
नए कर संहिता की जरूरत क्यों?
औद्योगिक संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में रवि अग्रवाल ने कहा कि सरकार लगातार इनकम टैक्स से जुड़े नियमों को आसान बनाने का प्रयास कर रही है। इसी दिशा में, बजट में प्रत्यक्ष कर की नई संहिता लाने की घोषणा की गई है, जिसे अगले महीने संसद में पेश किया जाएगा।
हाल की समस्याएं:
- वर्तमान कर संहिता को समझना और लागू करना कठिन है।
- इसमें कई विसंगतियां हैं, जिससे एक ही प्रावधान से जुड़ी अलग-अलग बातें अलग-अलग पृष्ठों पर मिलती हैं, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है।
- कर नियमों को पढ़ना और समझना जटिल होने के कारण करदाता अक्सर दुविधा में रहते हैं।
टैक्स चोरी अब आसान नहीं
सीबीडीटी चेयरमैन ने बताया कि आय को छिपाना अब मुश्किल होगा, क्योंकि सरकार बड़े पैमाने पर **आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और आधुनिक तकनीकों** का इस्तेमाल कर रही है। टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) का मुख्य उद्देश्य आय को ट्रैक करना होता है, लेकिन अब इसकी जरूरत कम हो गई है क्योंकि विभाग के पास आय की निगरानी के अन्य डिजिटल साधन उपलब्ध हैं।
बजट में **टीडीएस कटौती की सीमा बढ़ाई गई है**, साथ ही **टीडीएस-टीसीएस से जुड़ी गलतियों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जा रहा है।** सरकार कर संबंधी अपीलों के त्वरित निपटारे पर भी कार्य कर रही है।
सीमा शुल्क रिफंड अब एक महीने में मिलेगा
सीआईआई के कार्यक्रम में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि **विदेश व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क रिफंड प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।**
पहले अगर किसी व्यापारी से अधिक सीमा शुल्क कट जाता था तो उसे वापस पाने में **एक साल तक का समय** लग जाता था। अब सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि व्यापारी **स्वैच्छिक दावा करके एक महीने के भीतर अपना रिफंड प्राप्त कर सके।**
इसके अलावा, **कच्चे माल के आयात और उत्पादों के निर्यात पर मिलने वाली कर छूट की प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है,** जिससे व्यापारियों को अनावश्यक जटिलताओं का सामना न करना पड़े।
निष्कर्ष
नई प्रत्यक्ष कर संहिता को सरल, पारदर्शी और डिजिटल आधारित बनाया जा रहा है, जिससे करदाताओं को आसानी हो और कर चोरी पर सख्ती बरती जा सके। सरकार कर प्रक्रिया को तेज, कुशल और करदाताओं के लिए अनुकूल बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
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