अस्थिरता से निपटना निवेश में वैरिएंस क्यों महत्वपूर्ण है
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और अस्थिरता इसके स्वाभाविक गुण हैं, जिन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हालांकि, ऐसे हालात अक्सर निवेशकों को चिंता में डाल देते हैं और उनके निवेश अनुभव को नकारात्मक बना देते हैं। ऐसे समय में, निवेशकों के पास कई रणनीतियां होती हैं, जो उन्हें चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकती हैं।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और अस्थिरता इसके स्वाभाविक गुण हैं, जिन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हालांकि, ऐसे हालात अक्सर निवेशकों को चिंता में डाल देते हैं और उनके निवेश अनुभव को नकारात्मक बना देते हैं। ऐसे समय में, निवेशकों के पास कई रणनीतियां होती हैं, जो उन्हें चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकती हैं।
अक्सर देखा गया है कि निवेशक मिड और स्मॉल कैप शेयरों की ओर झुकाव रखते हैं और मानते हैं कि बाजार में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए *कॉस्ट एवरेजिंग* (लागत औसत) सबसे बेहतर रणनीति है। हालांकि, यह हर स्थिति में सही साबित नहीं होती। एक कहावत है कि "6 फीट लंबा आदमी भी 5 फीट गहरी औसत नदी में डूब सकता है," क्योंकि औसत गहराई नदी के हर हिस्से की वास्तविक गहराई को नहीं दर्शाती। यही सिद्धांत इक्विटी निवेश पर भी लागू होता है।
पिछले कुछ वर्षों में, मिड और स्मॉल कैप शेयरों ने जबरदस्त तेजी दिखाई है और उनके मूल्यांकन काफी बढ़ गए हैं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि मौजूदा बाजार सुधारों के दौरान भी निवेशक इनमें अधिक निवेश कर रहे हैं। नतीजतन, निवेश के मूल सिद्धांत कमजोर हो गए हैं, और जोखिम-प्रतिफल अनुपात कम होता जा रहा है।
यहां वैरिएंस (अंतर) का विचार सामने आता है, जो औसत से वास्तविक विचलन को मापता है। बड़े अंतर वाले शेयरों में *कॉस्ट एवरेजिंग* करना हमेशा सही रणनीति नहीं हो सकती। जो निवेशक अपने निवेश को बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें ऐसे शेयरों की तलाश करनी चाहिए जो उचित मूल्य पर हों और जिनमें आगे बढ़ने की गुंजाइश हो। वर्तमान में, मिड और स्मॉल कैप शेयरों की तुलना में लार्ज-कैप शेयरों का मूल्यांकन अधिक स्थिर और आकर्षक है।
इसी के मद्देनजर, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने एक नया फंड ऑफर (एनएफओ) लॉन्च किया है, जिसका नाम है **आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इक्विटी मिनिमम वैरिएंस फंड**। यह फंड 18 नवंबर से 2 दिसंबर 2024 तक निवेश के लिए खुला है। यह योजना उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो कम अस्थिरता और दीर्घकालिक वृद्धि की तलाश कर रहे हैं। यह फंड मुख्य रूप से लार्ज-कैप कंपनियों पर केंद्रित है, जिनका कॉर्पोरेट गवर्नेंस अच्छा है और जिनके पास मजबूत नकदी प्रवाह है।
इस योजना के तहत कम अस्थिरता वाले शेयरों को अधिक प्राथमिकता दी जाती है, जबकि ज्यादा अस्थिरता वाले शेयरों को कम वेटेज दिया जाता है। गहन विश्लेषण और बाजार स्थितियों के आधार पर पोर्टफोलियो में समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं, ताकि यह बदलते बाजार के साथ तालमेल बैठा सके और कम जोखिम के साथ लंबी अवधि में स्थिर वृद्धि प्रदान कर सके।
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