
जया एकादशी के दिन इन चीजों का सेवन करने से बचें, नहीं तो व्रत हो सकता है भंग
जया एकादशी व्रत: शुभ तिथि, पूजा विधि और नियम

जया एकादशी व्रत: शुभ तिथि, पूजा विधि और नियम
हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष की **एकादशी तिथि** को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए **अत्यंत शुभ** माना जाता है। इस दिन भक्तगण **श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी** की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और **व्रत का पालन** करते हैं।
जया एकादशी का महत्व
माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी** को **जया एकादशी** के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन **भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति** होती है। व्रत के दौरान **खानपान से जुड़े नियमों का पालन** करना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि नियमों का उल्लंघन करने से व्रत खंडित हो सकता है और पूजा सफल नहीं मानी जाती।
जया एकादशी व्रत में क्या खा सकते हैं?
व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए भक्तों को कुछ निश्चित आहार का सेवन करना चाहिए। इस दिन आप **शकरकंद, कुट्टू के आटे की रोटी, दूध, दही और फल** खा सकते हैं। साथ ही भगवान विष्णु को **पंचामृत का भोग** लगाकर उसे ग्रहण करना भी शुभ माना जाता है।
जया एकादशी व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?
इस व्रत में **चावल, गेहूं, अन्न और नमक** के सेवन से बचना चाहिए। साथ ही **लहसुन, प्याज और मसूर की दाल** का प्रयोग भी वर्जित होता है। धार्मिक मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति इन चीजों का सेवन करता है, तो उसका व्रत खंडित हो सकता है और भगवान विष्णु की कृपा नहीं मिलती। इसलिए व्रत से जुड़े नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।
जया एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, **माघ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी** तिथि की शुरुआत **7 फरवरी 2025 को रात 9:26 बजे** होगी और **8 फरवरी 2025 को रात 8:15 बजे समाप्त** होगी। इसलिए, **जया एकादशी व्रत 8 फरवरी 2025 को रखा जाएगा**।
भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और व्रत का संपूर्ण फल पाने के लिए श्रद्धा और नियमों के साथ इस व्रत का पालन करें।
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